वहीं शक्तावत के निधन के बाद विधानसभा की 200 सदस्य़ीय संख्या अब 196 रह गई है। पिछले पांच माह में अब तक चार विधायकों का देहांत हो चुका है, इनमें कैलाश त्रिवेदी, मास्टर भंवर लाल मेघवाल, किरण माहेश्वरी और गजेंद्र सिंह शक्तावत हैं।
गजेंद्र सिंह शक्तावत को राजनीति विरासत में मिली थी, इनके पिता स्व. गुलाब सिंह शक्तावत भी कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं, वे कई बार विधायक और मंत्री रह चुके हैं। अशोक गहलोत सरकार के प्रथम कार्यकाल में वे गृहमंत्री रह चुके हैं।
विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत का निधन सचिन पाय़लट कैंप के लिए भी बड़ा झटका है, सियासी संकट के दौरान शक्तावत 19 विधायकों में शामिल थे जिन्होंने खुलकर सचिन पायलट का साथ दिया था और मानेसर में कैंप किया था।
शक्तावत के निधन पर सीएम गहलोत ने जताई संवेदनाएं जताते हुए कहा कि शक्तावत काफी समय से बीमार थे, उनके स्वास्थ्य को लेकर पिछले 15 दिन से मैं परिवारजन और डॉक्टर से सीधा के संपर्क में था , ईश्वर से प्रार्थना है शोकाकुल परिजनों को इस बेहद कठिन समय में सम्बल दें एवं दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। शक्तावत के निधन पर मुख्यमंत्री के साथ-साथ सभी कोंग्रेस के नेताओं ने भी संवेदनाएं व्यक्त की , पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट , पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा , विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी सहित सभी कांग्रेस नेताओं ने गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन पर संवेदनाएं व्यक्त की।