चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग ने भी पिछले दिनों पीसीसी में जनसुनवाई की थी। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि जनसुनवाई करना अच्छा है, लेकिन यह हफ्ते में एक या दो दिन से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, इससे जनसुनवाई की गंभीरता बनी रहेगी। हालांकि पार्टी ने अभी तक उनके सुझाव पर कोई विचार नहीं किया है।
आलाकमान के कहने पर कांग्रेस ने जनसुनवाई करने का निर्णय किया था। आनन—फानन में जनसुनवाई का कार्यक्रम तय किया गया। पहले दिन जलदाय मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने जनसुनवाई की, जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इसके बाद जनसुनवाई में आने वाले कार्यकर्ताओं और आमजन की संख्या में लगातार कमी आती जा रही है। अब तक कृषिमंत्री लालचंद कटारिया, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, अर्जुन बामणिया आदि जन सुनवाई कर चुके है।