मतदाताओं का डेटा जुटा रहे दावेदारों-समर्थकों का मानना है कि इससे मतदान में भी आसानी होगी। बूथों पर भीड़ और अव्यवस्था जैसी स्थिति नहीं बनेगी। मतदाता असमंजस में नहीं रहेंगे, सीधे मतदान केन्द्र में जा सकेंगे।
कई दावेदार हर मतदाता की जानकारी डिजिटल पर समेटने के लिए परिचितों-समर्थकों के जरिए फार्म तक भरवा रहे हैं। कुछ ने अलग ऐप बनाए हैं, जिनमें जानकारी सुरक्षित की जा रही है। एक दावेदार ने तो ऐसा डेटा तैयार किया है, जिसमें मतदाता का नाम, मोबाइल नंबर, पता या अन्य जानकारी डालते ही उसकी प्रोफाइल सामने आ जाती है।
वहीं दूसरी ओर… राजस्थान मतदाता सूचियों का होगा ऑडिट, प्रदेश में 42 लाख फर्जी वोटरों का आरोप
चुनावी राज्यों में गड़बड़ी की लगातार शिकायतों के बाद चुनाव आयोग ने चार राज्यों में मतदाता सूचियों का ऑडिट कराने का फैसला लिया है। इनमें राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम शामिल हैं। इस नियामक ऑडिट में मतदाता सूचियों के अलावा मतदान केंद्रों और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को रखे जाने की व्यवस्था आदि की भी विस्तृत जांच होगी। इन चारों राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेज दिए गए हैं। इन राज्यों में वर्ष के अंत में चुनाव होने हैं। आयोग ने कहा है कि व्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं चुनावी भागीदारी (एसवीईईपी) और बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) के प्रशिक्षण का भी ऑडिट किया जाएगा। ऑडिट दल जल्द ही इन राज्यों का दौरा करेंगे। आयोग इन ऑडिट दलों के जरिए अपने निर्देशों व वैधानिक प्रावधानों के निपटारे की निगरानी करेगा और सुधार के लिए भी कदम उठाएगा।
14 अगस्त को प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली में चुनाव आयोग को शिकायत दी कि प्रदेश में करीब 42 लाख फर्जी मतदाता हैं। आरोप है कि कई मामलों में एक ही पते पर सौ-सौ लोग रह रहे हैं। मामले में कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर कर रखी है।