14 अगस्त को प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली में चुनाव आयोग को शिकायत दी कि प्रदेश में करीब 42 लाख फर्जी मतदाता हैं। आरोप है कि कई मामलों में एक ही पते पर सौ-सौ लोग रह रहे हैं। मामले में कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर कर रखी है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने सचिव बीसी पात्रा को पत्र लिखकर ऑडिट टीम को मध्यप्रदेश मेे आने से रोकने को कहा है। कांताराव ने कहा कि कि प्रदेश में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 27 सितंबर को होगा। इसके बाद ही टीम को भेजा जाए।
मतदाता सूची के 4,35,879 नामों पर फॉर्म 6 के जरिए आपत्ति हुई है। जांच के बाद आयोग ने नाम निकाले भी हैं। कांग्रेस ने दो बार फर्जी मतदाता की शिकायत की है। आरोप है कि 2 लाख से अधिक फर्जी मतदाता हैं। निर्वाचन आयोग ने जांच से इनकार कर दिया है।
अधिकारी तुरंत उपलब्ध कराएं सूचनाएं
ऑडिट दल चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों या कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं करने के मामलों का पता लगाएंगे और उनमें सुधार सुनिश्चित करेंगे। मतदाता सूची प्रबंधन के हर पहलू पर बारीकी से गौर करेंगे। मुख्य चुनाव अधिकारियों को संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश देने को कहा गया है कि वे ऑडिट दलों की मांगी सूचना उसी दिन तत्काल मुहैया कराएं।
एकतरफा तारीफ वाली खबरें भी पेड न्यूज: चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को अखबारों में एकतरफा प्रशंसात्मक खबरों को ‘पेड न्यूज’ मानने का सुझाव दिया है। आयोग के मुताबिक जिन खबरों में कोई राजनेता उपलब्धियों का गुणगान करते हुए मतदाताओं से अपने पक्ष में वोट देने को कहे तो उन्हें पेड न्यूज माना जाए। चाहे ऐसे मामलों में पैसे दिए जाने का कोई सबूत हो या न हो।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के जल संसाधन और जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा के पेड न्यूज मामले में चुनाव आयोग ने अयोग्यता से राहत देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। चुनाव आयोग ने दिल्ली हाईकोर्ट के एक पक्षीय अंतरिम फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।