जयपुर

विधानसभा चुनाव: …तो कट सकते कांग्रेस के 108 वरिष्ठ नेताओं के टिकट!

राज्य में पांच माह बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनावों को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों की चुनाव तैयारियां तेज हो गई हैं।

जयपुरJun 14, 2018 / 04:46 pm

Kamlesh Sharma

सुनील सिंह सिसोदिया/जयपुर। राज्य में पांच माह बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनावों को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों की चुनाव तैयारियां तेज हो गई हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं में इस तैयारी के साथ अंदरूनी रूप से एक अनचाहा डर भी सता रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव-2013 में चुनाव मैदान में कूद चुके वरिष्ठों में करीब 108 ऐसे उम्मीदवार रहे जो 20 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव हारे।
राजस्थान में सबसे बड़ी हार कांग्रेस उम्मीदवार की राजधानी जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र में रही। इन 108 उम्मीदवारों में करीब 30 उम्मीदवार तो ऐसे हैं, जो दूसरे पायदान पर भी नहीं आ सके। वे तीसरे से चौथे नंबर पर चले गए।
राज्य विधानसभा के 2013 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान तत्कालीन कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने 20 हजार से ज्यादा वोटों से हारे उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने का प्रावधान लागू किया था। इसको लेकर पार्टी के पर्यवेक्षकों से लेकर सभी बड़े नेताओं ने सूची तक बनाई थी। हालांकि एक-दो मामलों में यह गणित पार्टी का नहीं चला, लेकिन कई दावेदार इस प्रावधान से टिकट की दौड़ में पिछड़ गए थे।

अब राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। ऐसे में अब होने वाले विधानसभा चुनाव 2018 में क्या नियम बनेंगे, लेकिन पार्टी में टिकट की दौड़ में शामिल नेताओं में यह डर सता रहा है। पार्टी मुख्यालयों में इस तरह की चर्चा पार्टी नेताओं में आम है।
दूसरे दावेदार दे रहे हवा
कांग्रेस पार्टी में 20 हजार से ज्यादा वोटों से हारे उम्मीदवार बड़ी संख्या में फिच टिकट की दौड़ में शामिल हो गए हैं। वहीं इन सीटों पर टिकट को लेकर तैयारी जुटे दूसरे दावेदार पिछले चुनाव के नियमों का हवाला देकर बड़े नेताओं को पार्टी के नियम याद दिला रहे हैं। कांग्रेस में यह चुनावी जोड़तोड़ काफी तेजी से चल रहा है।
जयपुर में 19 में से 10 सीटों पर बड़ी हार
जयपुर जिले में 19 विधानसभा सीटों में से 8 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार 20 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव हारे। जबकि 2 सीटें ऐसी रहीं, जिन पर कांग्रेस उम्मीदवार दूसरे पायदान से भी नीचे चले गए। इस तरह तीसरे-चौथे स्थान पर रहे उम्मीदवारों को भी शामिल करें तो कांग्रेस को जिले में 19 में से 10 सीटें 20 हजार से भी ज्यादा के अंतर से गंवानी पड़ी।
सबसे बड़ी हार सांगानेर सीट पर कांग्रेस के संजय बापना की 65350 वोटों से और दूसरी बड़ी हार मालवीय नगर सीट पर अर्चना शर्मा की 48718 वोट से हुई।

— जिला और 20 हजार के ज्यादा अंतर से गंवानी पड़ी सीट…
अजमेर – 6 सीट
अलवर – 7 सीट
बांसवाड़ा – 3 सीट
बांरा – 1 सीट
बाड़मेर – 5 सीट
भरतपुर – 4 सीट
भीलवाड़ा – 5 सीट
बीकानेर – 1 सीट
बूंदी – 1 सीट
चित्तौडग़ढ़ – 2 सीट
चूरू – 3 सीट
दौसा – 4 सीट
धौलपुर – 2 सीट
डूंगरपुर – 1 सीट
गंगानगर – 4 सीट
हनुमानगढ़ – 3 सीट
जयपुर – 10 सीट
जैसलमेर – 1 सीट
जालौर – 3 सीट
झालावाड़ – 4 सीट
झुंझुंनूं – 4 सीट
जोधपुर – 5 सीट
कोटा – 3 सीट
नागौर – 5 सीट
पाली – 3 सीट
प्रतापगढ़ – 1 सीट
राजसमंद – 3 सीट
सवाई माधोपुर – 2 सीट
सीकर – 3 सीट
सिरोही – 3 सीट
टोंक – 3 सीट
उदयपुर – 3 सीट

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