– यूआइटी अध्यक्षों से लेकर विभिन्न बोर्ड व आयोगों में भी सरकार नियुक्ति नहीं कर सकी है। इनमें
आरटीडीसी चेयरमैन, हाउसिंग बोर्ड चेयरमैन और राजस्थान राज्य बीज निगम के अध्यक्ष की नियुक्तियों पर सभी की निगाहें हैं।
सरकार में नाराज नेताओं के लिए डेमेज कन्ट्रोल का बड़ा मौका मिल गया है। संगठन से लेकर सरकार में भागीदारी निभाने वाले कई नेताओं के कामकाज से आलाकमान पूरी तरह संतुष्ट नहीं था। ऐसे नेताओं को भी कोरोना की वजह से एक मौका और मिल गया है।
लॉकडाउन के कारण तीन महीने से ठंडे बस्ते में गई प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी को अब जून माह में घोषित करने की तैयारी शुरू हो गई है। दरअसल, भाजपा में सतीश पूनिया के अध्यक्ष पद पर निर्वाचन के बाद से ही प्रदेश कार्यकारिणी के गठन को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। फरवरी में नेतृत्व ने मार्च और अप्रेल के अंत तक कार्यकारिणी गठन के संकेत दिए थे। लेकिन मार्च में लॉकडाउन के बाद से ही देशभर में राजनीतिक गतिविधियां करीब ठप हो गई।
जानकारी के मुताबिक भाजपा कार्यकारिणी को लेकर प्रदेश नेतृत्व को राष्ट्रीय नेतृत्व से हरी झंड़ी भी मिल चुकी है। इस पर प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से रायशुमारी का काम भी मुख्यतया पूरा माना जा रहा है। 31 मई के बाद लॉकडाउन का चौथा चरण समाप्त होने के बाद कभी भी कार्यकारिणी सामने आ सकती है।
गौरतलब है कि प्रदेश में अशोक परनामी के अध्यक्ष कार्यकाल में कार्यकारिणी गठित हुई थी। उसके बाद मदनलाल सैनी के कार्यकाल में कुछ नियुक्तियां की गई थी, लेकिन पूरी कार्यकारिणी नहीं आई थी। कार्यकारिणी के गठन पर हमारा काम करीब पूरा हो चुका है। राष्ट्रीय नेतृत्व से भी चर्चा हो चुकी है। जून में कार्यकारिणी की घोषणा करने की तैयारी है। – सतीश पूनिया, अध्यक्ष प्रदेश भाजपा