चुनावी माहौल के बीच डिस्कॉम का यह आदेश चर्चा का विषय बना हुआ है। संभवतया पहली बार है जब डिस्कॉम ने घोषित रूप से इस तरह का आदेश दिया है। सूत्रों के मुताबिक कई जिलों से नेताओं ने फीडबैक दिया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान बिजली कनेक्शन काटने से जनता के बीच अच्छा मैसेज नहीं जा रहा है। वित्तीय वर्ष की समाप्ति से ठीक पहले अफसरों को जब 100 फीसदी बकाया वसूलने का टारगेट दिया गया है, उसी वक्त डिस्कॉम ने यह नरमी दिखाई है।
उधर, एक दिन पहले गुरुवार को ही डिस्कॉम ने एक आदेश जारी किया था। इसमें गर्मी के सीजन का हवाला देते हुए बकायेदार जलदाय विभाग के बिजली कनेक्शन नहीं काटने के आदेश जारी किए थे। वहीं, डिस्कॉम के अधिकारियों का कहना है कि काफी हद तक राजस्व वसूली हो चुकी है।
जयपुर डिस्कॉम ने इस वित्तीय वर्ष में 25 हजार 642 करोड़ रुपए राशि के बिजली बिल जारी किए। इसमें से अब तक 25 हजार 394 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। अब भी 248 करोड़ रुपए बकाया है। यानी ऐसे विद्युत उपभोक्ताओं ने बकाया नहीं चुकाया तो भी अब उनका बिजली कनेक्शन नहीं काटा जाएगा। इसके लिए सीएमडी से ही अनुमति लेनी होगी। जयपुर डिस्कॉम के बारह जिलों के 13 सर्कल में करीब 51 लाख उपभोक्ता हैं।
डिस्कॉम की उधारी बढ़ती जा रही है। पिछले कई वर्षों से करीब 3200 करोड़ रुपए बकाया हैं। इनमें घरेलू, कॉमर्शियल, औद्योगिक उपभोक्ताओं के अलावा सरकारी विभाग भी शामिल हैं। ज्यादातर बिलिंग रोड लाइट के पेटे हैं, जिनका भुगतान निकाय समय पर नहीं कर रहे हैं। इनके अलावा जलदाय विभाग को भी डिस्कॉम को मोटा पैसा देना है। इस स्थिति का असर ईमानदार उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। क्योंकि, डिस्कॉम बिजली दर बढ़ोतरी के पीछे ऐसे कारण भी गिनाता रहा है।