इन योजनाओं में श्री योजना एवं मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना तथा स्मार्ट विलेज योजना शामिल हैं। पिछले दिनों ग्रामीण विकास विभाग के एसीएस राजेश्वर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में योजनाओं से जुड़े अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए गए। वॉटरशेड के जरिए पूर्व में संचालित कुछ योजनाओं को भी बंद किया जा सकता है। वॉटरशेड के जरिए जल स्वावलंबन अभियान शुरु किया था। सरकार इसके स्थान पर राजीव गांधी जल संचय योजना की घोषणा कर चुकी है।
राजस्व घाटा कम करने की कवायद
सरकार राजस्व घाटा कम करने की कवायद के तहत इन योजनाओं को बंद करने तैयारी कर रही है। इस बारे में मुख्य सचिव की ओर से 11 अक्टूबर को सभी विभागों को निर्देश भी दिए गए थे। फैसले के दायरे में आई ग्रामीण विकास की इन तीन योजनाओं में अधिकतर कार्य दूसरी योजनाओं से कन्वर्जेंस के तहत कराए जाने का प्रावधान था।
सरकार राजस्व घाटा कम करने की कवायद के तहत इन योजनाओं को बंद करने तैयारी कर रही है। इस बारे में मुख्य सचिव की ओर से 11 अक्टूबर को सभी विभागों को निर्देश भी दिए गए थे। फैसले के दायरे में आई ग्रामीण विकास की इन तीन योजनाओं में अधिकतर कार्य दूसरी योजनाओं से कन्वर्जेंस के तहत कराए जाने का प्रावधान था।
ये तीन योजनाएं
श्री योजना: बजट घोषणा 2014—15 में योजना शुरु की गई थी। इसमें ग्रामीण इलाकों में ग्राम स्वच्छता, चिकित्सा व स्वास्थ्य, सड़क, शिक्षा और बिजली के पांच चुनिंदा क्षेत्रों में कन्वर्जेंस के जरिए विकास कार्य का प्रावधान था।
श्री योजना: बजट घोषणा 2014—15 में योजना शुरु की गई थी। इसमें ग्रामीण इलाकों में ग्राम स्वच्छता, चिकित्सा व स्वास्थ्य, सड़क, शिक्षा और बिजली के पांच चुनिंदा क्षेत्रों में कन्वर्जेंस के जरिए विकास कार्य का प्रावधान था।
मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत: 2014—15 के बजट में इसकी घोषणा हुई थी। हर साल हर विस क्षेत्र में एक पंचायत को आदर्श ग्राम पंचायत बनाने का लक्ष्य रखा गया था। विधायक, सांसद क्षेत्र विकास योजना, कन्वर्जेंस और सीएसआर का प्रावधान था।
स्मार्ट विलेज योजना: 2017—18 के बजट घोषणा। तत्कालीन भाजपा सरकार ने 3 हजार से अधिक आबादी वाले 3275 गांवाों में 18 प्रकार के विभिन्न विकास कार्य कराने का प्रावधान रखा था। सभी कार्य विभिन्न दूसरी योजनाओं के कन्वर्जेंस से होने थे।