नए आदेश के तहत अब सेवानिवृति के समय जिस कर्मचारी की विभागीय जांच, कोर्ट केस या विभागीय रोक जैसे मामले नहीं हैं तो उनकी बेनीफीट्स फाइल पर निकाय प्रमुख के हस्ताक्षर की कोई जरूरत नहीं है। सरकार के इस आदेश से निकाय कार्मिकों पर निकाय प्रमुखों की पकड़ ढीली हो सकती है। आपको बता दें कि सेवानिवृत होने वाले कर्मचारी के रिटायमेंट बेनीफिट की फाइल पर नगर निगम आयुक्त या अधिशाषी अधिकारी के साथ-साथ निकाय प्रमुख के भी सिग्नेचर होते है। उसके बाद ही कर्मचारी को परिलाभ मिल पाते हैं। इससे पहले भी सरकार अयोग्य सदस्यों को हटाने का अधिकारी खुद के पास ले चुकी है। इसके लिए मार्च में विधानसभा सत्र के दौरान एक कानून पास किया गया था।