पूनियां ने कहा कि सरकार एक साल का जश्न मना रही हैं, लेकिन सरकार को कोई नैतिक अधिकार नहीं है कि वो जश्न मनाए। गांधी और गहलोत की तुलना की जाती है, लेकिन दोनों के विचारों में कोई साम्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के एक साल के कार्यकाल में डेढ़ लाख से ज्यादा मुकदमें दर्ज हुए हैं। पूरे राजस्थान में विकास ठप पड़ा है। सरकार विद्वैष की राजनीतिक कर रही है। सरकार के इसी फेल्योर के विरोध में प्रतीकात्मक तौर पर गांधीजी के सामने उपवास रखा गया है। नैतिकता के आधार पर सीएम के इस्तीफा दे देना चाहिए। पूनियां ने कहा कि मंगलवार को सरकार के खिलाफ चार्जशीट पेश की जाएगी। धरने में विधायक निर्मल कुमावत, अशोक लाहोटी, पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, पूर्व विधायक कन्हैयालाल मीणा, राव राजेन्द्र सिंह, सुरेन्द्र पारीक, फूलचन्द भिण्डा, प्रदेश उपाध्यक्ष अलका सिंह, मंत्री मुकेश दाधीच, भाजपा दक्षिण अध्यक्ष रामानन्द गुर्जर, लक्ष्मीकान्त पारीक, जितेन्द्र शर्मा, विमल कटियार, आनंद शर्मा, कुलवंत सिंह, अजय पारीक सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।
राजस्थान में अराजकता का माहौल पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा कि पूरे राजस्थान में अराजकता का माहौल है। थाने लुट रहे हैं, गरीब इलाज के लिए भटक रहा है। भामाशाह योजना को सरकार ने बंद करने का काम किया। आयुष्मान योजना केंद्र ने शुरू की, लेकिन राज्य सरकार ने बंद करने का काम किया। गरीब इलाज के लिए दर—दर भटक रहा है। पूरे राजस्थान में विकास ठप पड़ा हैं। किसानों की कर्जमाफी भी नहीं हुई और बेरोजगारों को भत्ता भी नहीं मिला।
दिल्ली जाने में व्यस्त रहे गहलोत विधायक कालीचरण सर्राफ ने कहा कि कार्यकाल के 365 दिन में गहलोत 113 दिन दिल्ली में सोनिया और राहुल की आवभगत में लगे रहे। राजस्थान की कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही हैं। बलात्कार दुगुने हो चुके हैं, हर अपराध की बढ़ रहा है। लेकिन सरकार का कोई ध्यान नहीं है।