संधु कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों में भी महत्वपूर्ण पद पर रह चुके हैं। यूडीएच का उन्हें लंबा अनुभव है। अशोक गहलोत की के पहले कार्यकाल में संधु 1999 से 2002 तक एलएसजी और यूडीएच के सचिव रहे थे। इसके बाद 2002 में वे जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त रहे। इसके बाद 2009 से 2011 तक संधु को प्रमुख सचिव यूडीएच और मेट्रो का पदभार सौंपा गया। इसी दौरान 2011 से 12 तक वो प्रमुख सचिव गृह भी रहे। मगर मई, 2012 में उन्हें वापस यूडीएच की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद वो यूडीएच में रहते हुए ही एसीएस बने। हालांकि 2014 में सरकार बदलने के बाद वो दिल्ली चले गए और 2015 में वहीं से रिटायर्ड भी हुए।
उच्च स्तरीय समिति में किया गया था शामिल सरकार इस वर्ष गांधी जयंती पर प्रशासन शहरों के संग अभियान शुरू कर रही है। यह अभियान संधु की देखरेख में ही चलेगा। पिछले दिनों ही उन्हें अभियान की उच्च स्तरीय समिति में शामिल किया गया था, ताकि अभियान को तेज गति दी जा सके।
धारीवाल से अच्छा तालमेल संधु का यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के साथ अच्छा तालमेल रहा है। यही वजह रही कि जब भी धारीवाल के पास यूडीएच मंत्रालय रहा, संधु अच्छे पदों पर रहे। प्रदेश में कांग्रेस सरकार के आने से पहले ही वो रिटायर्ड हो चुके थे, लेकिन कयास यही थे कि धारीवाल उन्हें कोई ना कोई बड़ जिम्मेदारी दिलाएंगे।