राजस्थान पुलिस का दावा है कि वाट्सएप पर वायरल पेपर व परीक्षा में आए पेपर का मिलान नहीं हुआ है। इस संबंध में भगत की कोठी थाने में एएसआई की तरफ से एफआईआर दर्ज की गई है। जिला विशेष टीम (डीएसटी ग्रामीण) ने इस मामले में दो युवकों व दो अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया है।
राजस्थान पुलिस ने ललिता नाम की एक अभ्यर्थी को भगत की कोठी क्षेत्र में परीक्षा केन्द्र पर व अभ्यर्थी किशनाराम को सालावास परीक्षा केन्द्र से पकड़ा गया। इन दोनों ने ही 4 लाख रुपए में पेपर खरीदा था। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पेपर भेजने वाले को भी पकड़ लिया है।
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) गौरव यादव ने बताया कि मामला सामने के बाद पावटा सर्कल के पास से गणपतराम और भगत की कोठी से मुख्य आरोपी रामनिवास को पकड़ा है। रामनिवास के मोबाइल से पेपर और प्रश्नों के उत्तर 17 अभ्यर्थियों को वाट्सएप पर भेजे गए।
नागौर के रामदीन से खरीदा था पेपर
रामनिवास व गणपतराम ने नागौर के रामदीन से प्रश्न पत्र खरीदा था। उन्हें वाट्सऐप पर प्रश्न पत्र मिला था, फिर 17 अभ्यर्थियों को 4-4 लाख रुपए में प्रश्नों के उत्तर वाट्सऐप किए गए थे। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने अभ्यर्थियों से रुपए ले लिए थे अथवा नहीं, इस संबंध में पूछताछ की जा रही है। डीसीपी का कहना है कि डीएसटी व पुलिस ने प्रश्नों का मिलान किया, लेकिन मूल प्रश्न पत्र से प्रश्न नहीं मिले हैं। जांच की जा रही है कि फर्जी प्रश्न पत्र व उनके हल बेचे गए या नहीं।