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जयपुर

Pinkcity Jaipur का ये Bazaar क्यों बन गया था ”भूतहा”, अब कैसे बदलेगी किस्मत, देखिए

– आखिरकार राजस्थान आवासन मंडल ने ली भूतहा बनी मार्केट की सुध- 12 साल बाद टूटा सन्नाटा, सिविल वर्क से सुधरेगी हालत

जयपुरMar 12, 2020 / 01:03 pm

Pawan kumar

Jhulelela Market

Jhulelela Market

जयपुर। कहते हैं कि 12 साल में तो घुरे की भी किस्मत बदल जाती है। यही कहावत सटीक साबित हो रही है भूतहा बन चुकी झूलेलाल मार्केट पर। राजस्थान आवासन मंडल की ओर से वर्ष 2007—08 में मानसरोवर के शिप्रापथ पर बनाई गई झूलेलाल मार्केट 12 साल में खण्डहर होने की कगार पर पहुंच गई। लेकिन साल 2020 झूलेलाल मार्केट की किस्मत बदलने वाला साबित हो रहा है। भूतहा बाजार बनी झूलेलाल मार्केट अब गुलजार होने जा रही है। हाउसिंग बोर्ड ने बाजार की दशा सुधारने के लिए यहां सिविल वर्क शुरू करवा दिया है।

450 में से 391 दुकानें बिकी

जानकारी के अनुसार राजस्थान आवासन मंडल ने वित्तीय वर्ष 2007-08 में मानसरोवर के थड़ी व्यवापारियों के लिए झूलेलाल मार्केट का निर्माण किया था। लेकिन थड़ी व्यापारियों ने कीमतें ज्यादा होने के कारण झूलेलाल मार्केट में दुकानें खरीदने में कोई रूचि नहीं दिखाई। इसके कारण 2007—08 से ही झूलेलाल मार्केट खाली पड़ी हुई थी। यहां अक्सर सन्नाटा पसरा रहता था। लेकिन आवासन मंडल ने अब झूलेलाल मार्केट की 450 में से 391 दुकानें नीलाम कर दी है। इसके बाद यहां बाजार खुलने की उम्मीद बंधी है। आवासन मंडल के अनुसार झूलेलाल मार्केट में 35 दुकानें पहले नीलाम की गई थीं। और 91 दुकानें अब नीलाम हुई है। जबकि 266 दुकानें तिब्बती व्यापारियों को आवंटित की गई है। अब झूलेलाल मार्केट में सिर्फ 59 दुकानें ही बाकी बची हैं। उन्हें भी जल्द से जल्द नीलाम करने की कोशिश की जा रही है।

तिब्बती उनी बाजार लगेगा

राजस्थान हाउसिंग बोर्ड ने तिब्बती व्यापारियों को 266 दुकानें वित्तीय वर्ष 2014—15 की आरक्षित दर के हिसाब से आवंटित की है। तिब्बती व्यापारी 5 साल की अवधि में मासिक किश्तों में इन दुकानों की राशि चुकाएंगे। तिब्बती व्यापारियों को स्थाई तौर पर दुकानें आवंटित होने के बाद यहां पर अब स्थाई तौर पर उनी वस्त्र बाजार लग सकेगा। पहले तिब्बती व्यापारियों को अस्थाई तौर पर दुकानों के लिए जगह आवंटित की जाती थी। लेकिन अब उन्हें स्थाई तौर पर दुकानें मिलने से तिब्बती व्यापारी खुश है।
भूतहा बन गई थी मार्केट
दूरदराज इलाकों में भूतहा गांव या भूतहा हवेली—किलों के किस्से तो आपने कई बार सुने होंगे। लेकिन राजधानी जयपुर के बीचोंबीच 2007—08 में बनी झूलेलाल मार्केट बीते 12 सालों में भूतहा बनकर खण्डहर होने की कगार पर पहुंच गई थी। हालात ये हो गए थे कि यहां पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता था। इसके कारण कोई भी यहां दुकानें खरीदने के लिए तैयार नहीं हो रहा था। अब राजस्थान आवासन मंडल ने झूलेलाल मार्केट की सुध ली है तो लोगों ने यहां दुकानें खरीदना शुरू किया है। साथ ही तिब्बती व्यापारियों को एक साथ 266 दुकानें आवंटित होने से बाजार की 85 फीसदी दुकानें बिक चुकी हैं। अब यहां बाजार लगने की उम्मीदें बंधी है।

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