महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ममता भूपेश ने बैंकों का आह्वान किया है कि वे इंंदिरा महिला शक्ति (आईएम शक्ति) उद्यम प्रोत्साहन योजना के तहत महिला उद्यमियों को ऋण स्वीकृति और उसका वितरण करने में तत्परता दिखाएं। उन्होंने कहा कि महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए बैंकों ऋण प्रक्रिया को सरलीकरण करें ताकि अधिकतम महिलाओं को योजना का लाभ मिल सकें। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री की अध्यक्षता में संयोजक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति और विभिन्न बैंकों के राज्य स्तरीय प्रमुखों के साथ इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना अन्तर्गत बैंक स्तर पर लंबित ऋण एवं ऋण स्वीकृति की समीक्षा के लिए बैठक हुई।
बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने अधिकारियों को कहा कि उद्यम प्रोत्साहन योजना राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना है। इस योजना के तहत् 3764 ऋण आवेदन विभिन्न बैंकों के स्तर पर लंबित है। जिसमें ऋण स्वीकृती तथा ऋण वितरण को गति प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि अगली बैठक में बैंक अच्छे परिणामों के साथ उपस्थित हों। इस पर बैंकों की ओर से भी आश्वस्त किया गया कि वे निश्चित रूप से अगली बैठक तक निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करके ही उपस्थित होंगे।
बैठक में भूपेश ने बैंक अधिकारियों से कहा कि महिलाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में इन्दिरा महिला शक्ति योजना के अन्तर्गत एक हजार करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। आईएम शक्ति उद्यम प्रोत्सा हन योजना के तहत ऋण पर 25 प्रतिशत ऋण अनुदान दिया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं और एसएचजी महिलाएं सामाजिक ताने-बाने के अवरोधों को दूर करके अपना उद्यम स्थापित करने का प्रयास करती हैं। जिसमें उन्हें मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को समय पर ऋण स्वीकृति मिल जाए तो वे हतोत्साहित महसूस नहीं करेंगी। एक महिला उद्यमी को यदि समय पर ऋण मिल जाता है तो उद्यम स्थापित करने के लिए प्रयासरत अन्य महिलाएं भी इससे प्रेरित होकर अपना उद्यम स्थापित करने में सफल रहेंगी।