वीसी के जरिए हुए इस शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रम में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी, जनजाति मंत्री अर्जुन बामणिया, विधायक लक्ष्मण मीणा और रामकेश मीणा भी मौजूद रहे।
लोकार्पण शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में उच्च शिक्षा का बेहतरीन माहौल तैयार करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। बीते ढाई वर्ष में ही 123 नए राजकीय महाविद्यालय खोले हैं ताकि युवाओं को उनके गांव के नजदीक ही उच्च शिक्षा की सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि आज राजस्थान उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो चुका है।
हमारी सरकार ने दी थी विश्वविद्यालय को जमीन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पिछली सरकार के समय साल 2013 में नगर विकास न्यास कोटा ने रियायती दर पर 30 एकड़ भूमि इस विश्वविद्यालय के लिए आवंटित की थी। यह खुशी की बात है कि 15 करोड़ की लागत से बनने वाले इस विश्वविद्यालय के भवन का रविवार को शिलान्यास हुआ है।
आशा है कि जल्द ही यह काम पूरा होगा और यहां शैक्षणिक गतिविधियां शुरू होंगी। इसी तरह जयपुर में 3000 वर्ग मीटर भूखण्ड पर बने आदिवासी मीना बालिका छात्रावास का फायदा प्रतिभावान बालिकाओं को मिल सकेगा।
सीएम ने कहा कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हमने बजट में घोषणा की है कि उच्च माध्यमिक विद्यालयों की 11वीं व 12वीं कक्षा में 500 से अधिक छात्राएं होने पर उस विद्यालय को कन्या महाविद्यालय में क्रमोन्नत किया जाएगा।
छात्राओं से किया संवाद
शिलान्यास और लोकार्पण समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने जयपुर और कोटा छात्रावासों में रह रहीं छात्राओं से संवाद किया। उन्होंने इन बालिकाओं के आत्मविश्वास को सराहा और हौसला अफजाई की। नर्सिंग छात्रा निकिता, इंजीनियरिंग छात्रा भानु कुमारी, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही चिंता मीना और मधुबाला ने छात्रावास के अपने अनुभव बताए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं के साथ-साथ संस्था के सहयोग से उन्हें आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने आशा व्यक्त की कि कोटा में जय मीनेष विश्वविद्यालय स्थापित करने का जो बीड़ा उठाया है वह समय पर पूरा होगा। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि प्रदेश में स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं। बीते ढाई वर्षों में 32 नए कन्या महाविद्यालय खोले गए हैं। जिनसे बालिका शिक्षा का परिदृश्य बदलेगा।