दस साल में तीन सौ से ज्यादा भागे, सैंट्रल जेलों की हालत गंभीर
प्रदेश में वर्ततान में बीस हजार से भी ज्यादा बंदी प्रदेश की सौ से भी ज्यादा जेलों में बंद हैं। इनमें खुली जेलें और दो महिला जेल भी शामिल है। इन बीस हजार बंदियों में से करीब ग्यारह हजार बंदी प्रदेश की नौ सैंट्रल जेलों में बंद हैं। अक्सर बड़े अपराध के बाद बंदियों को सैंट्रल जेलों में शिफ्ट किया जाता रहा है। यही कारण है कि प्रदेश की सैंट्रल जेलों से ही अधिकतर बंदियों को पैरोल दी जाती है। पैरोल देने में नियम और कायदे पूरे करने के साथ ही बंदियों का साफ सुथरा आचरण भी देखा जाता है। उसके बाद भी दस साल के दौरान पैरोल पर जाने के बाद तीन सौ से ज्यादा बंदी वापस नहीं लौटे। हांलाकि इनमें से करीब दो सौ पांच के खिलाफ मामले दर्ज कराए गए और बाद में लोकल पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर फिर से सलाखों के पीछे भेजा।
सौ बंदी अभी भी चल रहे फरार, नहीं हो रही गिरफ्तारी
प्रदेश की जेलों से पैरोल पर फरार हुए करीब सौ बंदी अभी भी लापता चल रहे हैं। जेल और पुलिस प्रशासन के काफी प्रयास के बाद भी इनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। उनकी तलाश के लिए कई बार अभियान भी चलाए गए हैं लेकिन उसके बाद भी ये बंदी न तो पुलिस को और न ही जेल प्रशासन को मिले हैं। उनके परिजनों और अन्य संबधियों से भी कई बार उनके बारे में पूछताछ की जा चुकी है लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली है।
पैरोल ही नहीं पुलिस की कस्टडी से भी बंदी फरार हो रहे हैं। पांच साल की बात की जाए तो साल 2015 से लेकर साल 2019 तक करीब 21 बंदी पेशी पर जाते समय सा पेशी पर वापस लौटने पर आमद के समय फरार हुए हैं। हांलाकि इनमें से सोलह बंदियों को कुछ समय के दौरान पुलिस ने वापस भी अरेस्ट कर लिया है लेकिन इनमें से भी पांच बंदी ऐसे हैं जो अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लग सके हैं।