पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद के अध्यक्षता में गठित किए गए कोविड-19 रिलीफ टास्क फोर्स से राजस्थान के नेताओं को दूर रखे जाने को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं खूब हैं। कांग्रेस हलकों में चर्चा इस बात की है कि पांच प्रमुख नेताओं के एआईसीसी में पदाधिकारी होने के बावजूद इन नेताओं को टास्क फोर्स में जगह नहीं मिल पाई, जबकि हरियाणा से दो नेताओं को टास्क फोर्स में जगह दी गई।
पायलट- भंवर जितेंद्र को भी जगह नहीं
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह को भी टास्क फोर्स में जगह नहीं मिल पाई है, जबकि दोनों ही नेताओं को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता रहा है। भंवर जितेंद्र सिंह राजस्थान से अकेले पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य़ हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान, धीरज गुर्जर, कुलदीप इंदौरा और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य रघुवीर मीणा भी हैं।
इन नेताओं को मिली टास्क फोर्स में जगह
सोनिया गांधी की ओर से गठित किए टास्क फोर्स में गुलाब नबी आजाद, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, पवन कुमार बंसल, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, मनीष चतरथ और भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी .वी शामिल हैं। इनके साथ ही कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा, अजय कुमार और पार्टी नेता गुरदीप सिंह सप्पल को कोविड-19 रिलीफ टास्क फोर्स में जगह दी गई है।