बात साल 1985 की है, जब 18 साल की लक्ष्मी सिंह की शादी बाड़मेर निवासी भागु सिंह के साथ हो चुकी थी। और उसी दौरान उनके पति भटकर भारतीय सीमा के उस पार चले गए थे, और वहां पकड़ा गए। वह भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक गांव गोहद में थे, जब पाक सेना ने उन्हें गिरफ्तार किया था। उस समय सीमा के पास बाड़ नहीं लगाई गई थी। उस समय से लेकर आज तक लक्ष्मी सिंह के पति पाकिस्तान की जेल में कैद हैं।
तो वहीं इस मामले की जानकारी साल 1991 में बॉर्डर फेंसिंग के दौरान भुवनेश जैन नाम के एक समाजिक कार्यकर्ता के एक सर्वे से मिली। जिसके रिपोर्ट में यह पाया गया कि बाड़मेर और
जैसलमेर के 10 लोग पाक की जेल में कैद हैं। इधर लक्ष्मी ने अपने दम पर अपने तीनों बच्चों का पालन पोषण किया। इस दौरान वो कई सराकारी अधिकारियों, नेताओं और समाजिक कार्यकर्ताओं के पास भी अपनी समस्या को लेकर जा चुकी थी, और इस संबंध में कई पत्र भी लिखे। बावजूद इसके कुछ नहीं हुआ। लेकिन इतने सालों बाद एक बार फिर से उनकी आंखों ने पति को घर लाने की कोशिश को एक आशा की किरण दिखी है।
दरअसल, एक स्थानीय पत्रकार जिन्होंने लक्ष्मी सिंह के मामले को लेकर केंद्रीय राज्य विदेश
मंत्री वीके सिंह को एक ट्वीट किया और इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय उच्चायुक्त को इस मामले पर विस्तार से जानकारी देने को भी कहा। एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत के दौरान पत्रकार प्रेमदान ने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने मंत्री को इसकी विस्तृत जानकारी भेज दी है। जबकि लक्ष्मी ने कहा कि आश्वासन के भरोसे मैंने अपनी जिंदगी के कई साल गुजार दिए। सबने कहा कि एक दिन मेरे पति वापस आ जाएंगे। लेकिन अब विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह के कारण उन्हें एक बार फिर नई आशा की किरण दिखी है।
लक्ष्मी के मुताबिक, एक बार फिर अपने पति को घर वापस लाने की हिम्मत जगाई है, उम्मीद करती हूं कि अगर मेरे पति के लौट आने से मुझमे और 30 साल जीने की हिम्मत आ जाएगी। उनका कहना कि अगर नेता ने कहा है, तो जरुर वह इस मामले में कोशिश करेंगे, बाकी सब भगवान पर निर्भर है। आगे उनके हाथ में है।