बारां जिले में नदी, नालों के उफान पर रहने से दर्जनों गांव टापू बने रहे। इन गांवों के बाशिंदों का निकट के कस्बों व शहरों से सम्पर्क कटा रहा। जालेड़ा व हनोतिया गांव के मध्य धान की रोपाई के लिए गई आठ महिलाएं पार्वती नदी में उफान के कारण एक मंदिर में बैठी रहीं। बाद में बारां से सदर थाना पुलिस व एसडीआरफ की टीम ने इन्हें सुरक्षित निकाला।
वहीं छबड़ा उपखंड के कोल्हूखेड़ा गांव के निकट भैंस चराने गया एक चरवाहा अंधेरी व ल्हासी नदी में उफान के चलते एक टापू पर फंस गया। उसे एसडीआरएफ की टीम ने 24 घंटे बाद बाहर निकाला। मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों में हो रही भारी बारिश से छोटी-बड़ी नदियां उफान पर आ गई हैं। पार्वती वेस्टवियर पर 7 फीट, परवन पिकअपवियर पर 7.20 व तुलसां लिफ्ट परियोजना पर 4 फीट की चादर चल रही थी।
वहीं कोटा में सोमवार शाम 6 बजे शुरू हुआ बारिश का दौर मंगलवार शाम 4 बजे तक चला। चंबल, पार्वती नदी में 10-15 फीट पानी आने से कोटा-श्योपुर, खातौली-सवाईमाधोपुर मार्ग बंद है। बूंदी में भी दिनभर बारिश रही। बांधों में भी पानी की आवक हुई। लाखेरी क्षेत्र में मेगा हाइवे से रेबारपुरा ढगारिया को जाने वाली संपर्क सड़क पर डपटा खाळ की पुलिया पर पानी आने से आधा दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क मेगा हाइवे से कट गया। नयागांव पापडी स्थित मेज नदी पर एनिकट पर चादर चलना शुरू हो गई है। वहीं चांदा का तालाब बांध 21.75 फीट भर गया है। बांध की भराव क्षमता 24.60 फीट है।
वहीं झालावाड़ में भालता क्षेत्र की छापी नदी की पुरानी पुलिया के ऊपर करीब 2 फीट तक पानी आ गया। खेतों में पानी भर गया। आवर के पगारिया क्षेत्र में आहू व क्यासरी नदी में उफान आने से आवर-पगारिया मार्ग बंद है। इसके साथ ही अलवर जिले में साहबी नदी एक बार फिर चली।