राजस्थान में सूर्य की किरणें वर्ष के 365 में से 325 दिनों तक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहती है, जो सौर ऊर्जा के लिए सबसे बेहतर है। यहां प्रतिदिन पवन ऊर्जा प्लांट से 150 लाख यूनिट, सौर ऊर्जा प्लांट से 225 लाख यूनिट बिजली उत्पादन हो रहा है।
राजस्थान— 7738
कर्नाटक— 7469
गुजरात— 5708
आंध्रप्रदेश— 4380
महाराष्ट्र— 2444
तमिलनाडू— 4675
तेलंगाना— 3992
(आंकडे मेगावाट में है) राजस्थान पर इसलिए फोकस
-200 गीगावॉट सोलर एनर्जी की क्षमता
-1.25 लाख हैक्टेयर जमीन उपलब्ध
-70 हजार मेगावॉट क्षमता के प्लांट लग सकते हैं
अडानी ग्रीन एनर्जी- 9700 मेगावॉट (सोलर व हाइब्रिड)
रिन्यू पॉवर- 10 हजार मेगावॉट (सोलर)
जेएसडल्यू- 10 हजार मेगावॉट (सोलर व हाइब्रिड)
ग्रीनको एनर्जी- 4500 मेगावॉट (पम्प स्टोरेज) सीएम गहलोत का ट्विट, दी बधाई
‘मुझे बताते हुए खुशी है कि राजस्थान 7738 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित कर देश में प्रथम स्थान पर आ गया है। यह हमारी सरकार द्वारा लागू की गई सौर ऊर्जा नीति 2019 एवं राजस्थान निवेश प्रोत्साहन नीति 2019 का परिणाम है। मैं इस उपलब्धि के लिए सभी प्रदेशवासियों को बधाई देता हूं।’
-सरकार ने नीतिगत बदलाव करने के बाद बने सौर ऊर्जा में नंबर वन। इसके तहत नई सौर ऊर्जा नीति 2019 की मुख्य भूमिका है।
-केवल 8 माह में ही स्थापित की 2348 मेगावाट क्षमता।
-सौर ऊर्जा क्षेत्र के 10 हजार करोड़ का रिकॉर्ड निवेश हुआ।
-राजस्थान निवेश प्रोत्साहन स्कीम-2019 (रिप्स) में इस क्षेत्र के लिए विशेष प्रावधान किए गए। इससे सौर ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया।
-राजस्थान ने वर्ष 2021 में सौर ऊर्जा के ग्राउण्ड माउन्ट, रूफ टॉप और ऑफ ग्रिड सहित सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति दर्ज की।
-वर्ष 2024-25 तक 30 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया।