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जयपुर

म्हारे देस… पर्यटन की अपार संभावनाएं, मजबूत मार्केटिंग और इंटरनेशनल कनेक्विटी पर दें ध्यान

Keynote Program Jaipur: राजस्थान में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए मजबूत मार्केटिंग और इंटरनेशनल कनेक्विटी पर ध्यान देने की जरूरत है।

जयपुरApr 07, 2024 / 09:08 pm

Girraj Sharma

म्हारे देस... पर्यटन की अपार संभावनाएं, मजबूत मार्केटिंग और इंटरनेशनल कनेक्विटी पर दें ध्यान

म्हारे देस… पर्यटन की अपार संभावनाएं, मजबूत मार्केटिंग और इंटरनेशनल कनेक्विटी पर दें ध्यान

जयपुर। राजस्थान में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए मजबूत मार्केटिंग और इंटरनेशनल कनेक्विटी पर ध्यान देने की जरूरत है। प्रदेश के अनछुए पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की पहुंच सुनिश्चित हो, साथ ही यहां के हैरिटेज, कल्चर, ऐतिहासिक इमारतों को प्रमोट किया जाए, इसके लिए सरकार व निजी क्षेत्र मिलकर काम करें। यह बात रविवार को राजस्थान पत्रिका की-नोट कार्यक्रम में आए पर्यटन विशेषज्ञों ने कही।

विश्व के पर्यटन मानचित्र पर राजस्थान को आगे रखने के लिए विशेषज्ञों ने पर्यटन का विजन डॉक्यूमेंट बनाने की जरूरत जताई। इंडियन हैरिटेज होटल एसोसिएशन के महासचिव गजसिंह अलसीसर ने कहा कि राजस्थान में टूरिज्म दूसरे नंबर पर आता है, क्योंकि यहां पर्यटन को लेकर विविधता और खूबसूरत पर्यटन स्थल है। हमें यह पहचाना होगा कि कहां-कहां नए पर्यटन स्थल विकसित किए जा सकते हैं, राज्य में कम से कम 10 नए डेस्टिनेशन हो। उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी व पश्चिमी राजस्थान की संस्कृति, कल्चर, कला, परंपरा और पहनावे की जानकारी पर्यटकों को मिलनी चाहिए। यहां समृद्ध कल्चर और अद्भुत हैरिटेज है, जिसे पूरी दुनिया के सामने लाना चाहिए। इससे राजस्थान के टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटकों के फुटफॉल बढ़ाने के लिए अन्य जिलों से बेहतर कनेक्टिविटी होनी चाहिए, सड़कें अच्छी हो। प्रदेश की हैरिटेज इमारतों के संरक्षण की जरूरत है। जयपुर के परकोटा के साथ आमेर के विकास पर ध्यान देने की जरूरत है।


टूरिज्म के नए विकल्पों पर भी हो काम
फेडरेशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म राजस्थान (एफएसटीआर) के अध्यक्ष कुलदीप सिंह चंदेला ने कहा कि अन्य देशों में भारतीय टूरिस्ट सेंटर होने चाहिए, जिससे भारत आने वाले टूरिस्ट राजस्थान की जानकारी लेकर आए। क्योंकि जो टूरिस्ट यहां आता है, उसे पहले अपने देश और यहां आकर अलग-अलग जगहों से जानकारी लेनी पड़ती है। वेडिंग इंडस्ट्री को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना चाहिए, जिससे वेडिंग टूरिज्म यहां तेजी से बढ़े और अर्थव्यवस्था मजबूत हो। वेडिंग इंडस्ट्री में देश के युवाओं को हाथों-हाथ रोजगार मिल रहा है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा तो दे दिया गया, लेकिन इसका लाभ नहीं मिल रहा है। लाइसेंसिंग सिस्टम बेहतर हो, ताकि बड़े प्रोजेक्ट बेहतर तरीके से काम कर सके। राजस्थान में बाड़मेर, डूंगरपुर, हाड़ोती, बांसवाड़ा में भी टूरिज्म के नए विकल्पों पर भी काम होना चाहिए। इससे राजस्थान के हर क्षेत्र में टूरिज्म बढ़ेगा।


टूरिज्म राजस्थान की लाइफ लाइन, मार्केटिंग में हम पीछे
पर्यटन विशेषज्ञ संजय कौशिक ने कहा कि टूरिज्म राजस्थान की लाइफ लाइन है। 10-12 साल पहले राजस्थान नम्बर-1 डेस्टिनेशन था, अब अन्य राज्य आगे निकल गए। मार्केटिंग टूरिज्म में हम पीछे है। सरकार निजी सहभागिता से टूरिज्म की मार्केटिंग करें और इंटरनेशनल कनेक्टिविटी बढ़ाने पर ध्यान दिया जाए। विदेशी एयरलाइंस को आमंत्रित किया जाए। जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, अगर ऐसा होगा तो राजस्थान पर्यटन के अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर उभरेगा। कोटा, बाड़मेर व बीकानेर में डोमेस्टिक विमान सेवा शुरू होनी चाहिए। कौशिक ने कहा कि कोविड के बाद वेडिंग टूरिज्म बढ़ा है, इसमें राजस्थान की स्ट्रेंथ बढ़ी है। सरकार को प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर काम करना चाहिए। इसके लिए समन्वय की जरूरत है। राजस्थान के हैरिटेज, कल्चर, खान-पान, संगीत व पहनावे को प्रमोट करने की जरूरत है।


इन्होंने भी रखी अपनी बात
हमारे यहां पुरानी हवेलियां व ऐतिहासिक पर्यटक स्थल है, लेकिन पर्यटक वहां तक नहीं पहुंच पाता है। शहर के साथ पर्यटक स्थलों पर साफ-सफाई, ट्रैफिक, पार्किंग जैसी सुविधाओं पर ध्यान दिया जाए।
– हरीश केड़िया, कार्यकारी अध्यक्ष जयपुर व्यापार महासंघ

राजस्थान में करीब 12 हजार बजट होटल हैं, उनके नियमन के लिए कई सालों से प्रयास किए जा रहे हैं। इन होटलों से 5 लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। नियमन होने से होटलों में सुविधाएं बेहतर होगी।
– गजेंद्र लूनिवाल, अध्यक्ष होटल एसोसिएशन ऑफ जयपुर

घूमने के लिए विदेश जाने के बजाय लोग राजस्थान आए, इसके लिए सरकार को प्रयास करना चाहिए। इससे राज्य में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और पर्यटन से जुड़ी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
– हुसैन खान, अध्यक्ष, होटल फैडरेशन ऑफ राजस्थान

पर्यटन के क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार के अपार अवसर हैं। ज्यादा से ज्यादा युवा पर्यटन क्षेत्र से जुड़े इसके लिए सरकार विशेष नीति लेकर आए। एक पर्यटक जब राजस्थान आता है तो उससे 32 युवाओं को रोजगार मिलता है।
– महेन्द्र सिंह राठौड़, अध्यक्ष, राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कला व संस्कृति का संरक्षण जरूरी है। अब पशु मेले बंद होते जा रहे हैं। ग्रामीण पर्यटन के माध्यम से स्थानीय संस्कृति, पशु मेले और हाट बाजारों के जरिए पर्यटन को बढ़ावा मिले।
– सुरेन्द्र सिंह शाहपुरा, संरक्षक, होटल फैडरेशन ऑफ राजस्थान

यहां टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन उसे बढ़ाने के लिए सरकारी एजेंसियों में समन्वय होना जरूरी है। इससे पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिलेगी, वहीं उन्हें सुरक्षा भी मिल सकेगी।
– राहुल अग्रवाल, सचिव होटल एसोसिएशन ऑफ जयपुर

60 फीसदी शाही शादियां राजस्थान में हो रही है। वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए छोटे शहर भी उभर रहे हैं। शादियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार पॉलिसी बनाए। वहीं शादी-ब्याह से जुड़े खर्चों पर टैक्स की दरें तर्क संगत हो।
– महावीर प्रसाद शर्मा, वेडिंग प्लानर

मेडिकल, ग्रामीण और लोकल टूरिज्म में इंफ्रास्ट्रक्चर की सबसे बड़ी कमी है। इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत है। घरों को किराए पर देने का नया चलन शुरू हुआ है। इस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
– प्रोफेसर मीना रानी

नाइट टूरिज्म को बढ़ावा मिले तो पर्यटक यहां तीन दिन ठहरेंगे, इससे आय भी बढ़ेगी, पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए सरकार को पॉलिसी लानी चाहिए।
– मनीष शर्मा, उपाध्यक्ष राजपूताना गाइड एसोसिएशन, जयपुर

राजधानी में पर्यटक आते हैं, लेकिन यातायात जाम से जूझना पड़ता है। 15 मिनट के रास्ते में डेढ़ घंटा लगता है, इससे सैलानी परेशान होते हैं। यह शहर की छवि के भी प्रतिकूल है।
– अरुण त्यागी, अध्यक्ष राजस्थान टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन

कार्यक्रम में इन्होंने भी दिए सुझाव
— प्रोफेसर प्रकाश शर्मा, एचओडी एबीएसटी राजस्थान विश्वविद्यालय
— कैप्टन शशिकिरण, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर पश्चिम रेलवे
— सूरजभान सिंह आमेरा, प्रांतीय महासचिव, ऑल राजस्थान को—ऑपरेटिव बैंक एम्पलाइज यूनियन
— नवल किशोर मीना, जनसंपर्क अधिकारी जेडीए
— रजत विश्नोई, पार्षद हैरिटेज नगर निगम जयपुर

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