कोरोना काल में राजस्थान पुलिस ने जमकर सराहना पाई। फिर चाहे जरुरतमंदों को दवाई देनाए चप्पल पहनाना या भोजन बांटना। किसी भी मोर्च पर पुलिस हल्की नहीं रही। लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद अचानक आए भोजन संकट को दूर करने में पुलिस ने शानदार सहयोग किया। प्रदेश पुलिस ने 7 लाख 42 हजार 144 रसद पैकेट बांटे। 47 लाख 98 हजार 415 भोजन पैकेट परोसे। 28 हजार 365 जरुरतमंदों को जूतेकृचप्पल दिए। साथ ही राजस्थान से होकर पलायन करने वाले 2 लाख 63 हजार 944 श्रमिकों के रहने खाने का बंदोबस्त किया। चूरू पुलिस ने लाइव सेशन लेकर लोगों को मोटिवेट किया। उदयपुर पुलिस ने हैलो मम्मी एप बनाया और जयपुर पुलिस समेत अन्य शहरों की पुलिस ने मिलकर चार हजार से ज्यादा गर्भव ती महिलाओं तक जरुरी सामान पहुंचाया। राजकोप सिटीजन एप को डाउनलोड करने वालों की संख्या पौने 9 लाख रही। 17 लाख से ज्यादा ई पास मांगा लेकिन जरुरत के हिसाब से इनमें से करीब आठ लाख को ई पास दिया गया। लोग भी पुलिस की मदद को पीछे नहीं रहे। पुलिस ने इस कोरोना काल में 24 हजार पुलिस मित्र जोडे जो समयकृसमय पर पुलिस के साथ उपस्थित रहे।
अन्य राज्यों की पुलिस भी नहीं रही पीछेए उत्तराखंड पुलिस ने किए तीन करोड़ दान
अन्य राज्यों की पुलिस भी परोपकार के काम में पीछे नहीं रही। उत्तराखंड पुलिस की टीम ने 3 करोड़ 11 लाख 27 हजार रुपए का चैक सीएम को सौंपा। 1 लाख पैंसठ हजार से ज्यादा लंच पैकेटए 19 हजार राशन पैकेट वितरित किए। उत्तर प्रदेश पुलिस ने करीब 33 लाख श्रमिकों के वापस लौटने पर उनके रहने खाने की व्यवस्था की। पांच लाख से ज्यादा लोगों को राशन पैकेट बांटे गए। मास्क फोर्स बनाई और आॅपरेशन होम डिलेवरी शुरु किया। त्रिपुरा पुलिस ने चालीस हजार मास्क बाटें। 45 हजार लोगों को भोजन परोसा। तेलांगना पुलिस ने एनजीओ की मदद से करीब 45 लाख लोगों तक भोजन पहंचाया। तमिलनाडु पुलिस ने एक गरीब परिवार एक पुलिसकर्मी को गोद देने की शुरुआत की। उडीसा पुलिस ने 25 हजार श्रमिकों की मदद की। महाराष्ट्र मे पुलिस ने कच्ची बस्तियों का खास ख्याल रखा। एमपी में पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए जरुरत मंदों को हर संभव मदद दीं। केरल पुलिस ने मदद के लिए शानदार सोशल मीडिया माडल अपनाया। कर्नाटक में पुलिस ने कई जगहों पर फल और सब्जी मुफ्त में बांटे। हरियाणा पुलिस ने तीन हजार श्रमिकों के रहने खाने की व्यवस्था की और दवाईयां बांटी। गुजरात मे पुलिस ने 90 लाख रुपए के दस हजार राशन किट बांटे। दिल्ली में कम्यूनिटी किचन बनाए गए जहां से हर रोज दो हजार लोगों को खाना परोसा गया। बिहार में किराना और दवाई नाम से दो एप लॉच किए गए। जिससे जरुरतमंदों की मदद की गई