21 अप्रेल को कोतवाली पुलिस ने किया था गिरफ्तार, इस तरह से खुला पूरा राज
डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख ने बताया की 21 अप्रैल को कोतवाली थाना पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के जुर्म में फिल्म कॉलोनी से रामावतार को गिरफ्तार किया था। रामावतार की निशानदेही पर उसके दो अन्य साथी शंकर दयाल और विक्रम सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया।
डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख ने बताया की 21 अप्रैल को कोतवाली थाना पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के जुर्म में फिल्म कॉलोनी से रामावतार को गिरफ्तार किया था। रामावतार की निशानदेही पर उसके दो अन्य साथी शंकर दयाल और विक्रम सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया।
आरोपियों ने रेमडेसिविर इंजेक्शन दिल्ली एनसीआर के एक डॉण् जितेश अरोड़ा से खरीद कर लाने की बात कुबूली थी। पुलिस ने 28 मई को फरीदाबाद से गैंग के सरगना डॉण् जितेश अरोड़ा को गिरफ्तार किया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि जयपुर में 1000 रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई किए गए हैं। गैंग से बरामद किए गए इंजेक्शनों को पुलिस ने जांच के लिए लैब में भेजा। जिसकी रिपोर्ट 16 जून को आई जांच में इंजेक्शन नकली निकले।
आरोपियों ने मजबूरी का फायदा उठाकर नकली इंजेक्शन 25. से 35 हजार रुपये में लोगों के बेचे। इंजेक्शन की शीशी पर ना कोई मानक चिन्ह था और ना ही निर्माण की जगह, तारीख के संबंध में कोई जानकारी लिखी हुई नहीं थी। फिलहाल पुलिस गैंग के सदस्यों से पूछताछ कर जानकारी जुटा रही है।