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राजस्थान में सरकारी भर्तियों के सीजन में रेलवे और रोडवेज को लेकर आई ये बड़ी खबर… पढ़ी क्या आपने

राकेश का फार्म भरवाया, उसे मेडिकल, पुलिस वेरिफिकेशन और अन्य कार्यों के लिए कई बार दिल्ली बुलाया।

जयपुरSep 15, 2021 / 11:24 am

JAYANT SHARMA

Railway News: कोरोना काल में कबाड़ ने रेलवे को दी 4.5 करोड़ की आय, ये रही पूरी जानकारी

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सरकारी नौकरी दिलाने के नाम लाखों रुपयों की ठगी के दो केस सामने आए हैं। जयपुर और गंगानगर पुलिस दोनो केसेज की जांच कर रही है। एक केस में तो ठग ने रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर सरकारी एजेंसियो की ओर से जारी किए जाने वाले दस्तावेज ही फर्जी बनवा लिए और यहां तक की जाॅब लैटर तक भेज दिया। वहीं दूसरे केस में भी परिचालक की सीधी भर्ती कराने के नाम पर लाखों रुपए ठग लिए। नामजद आरोपियों के खिलाफ दर्ज इन केसेज मंे अब पुलिस जांच कर रही है।
मेडिकल, पुलिस वेरिफिकेशन, जाॅब लैटर… सब कुछ फर्जी, दस लाख ठगे
खोह नागोरियान थाने में दर्ज मामले में पुलिस ने बताया कि बारहवीं पास राकेश कुमार खोह नागोरियान मंे अपने भाई की क्लिनिक मे काम करता है। क्लिनिक पर अक्सर आने वाले सुरेश से उसकी बातचीत हुई कि रेलवे में गु्रप डी की भर्ती की जाॅब निकली है। कुछ रुपए देकर वहां सीधी भर्ती कराई जा सकती है। इस पर राकेश ने अपने बड़े भाई से बात की तो भाई ने सुरेश से बातकर राकेश को जाॅब लगाने की बात कही। इस पर सुरेश ने राकेश का फार्म भरवाया, उसे मेडिकल, पुलिस वेरिफिकेशन और अन्य कार्यों के लिए कई बार दिल्ली बुलाया।
एक दो बार दित्ली में रेलवे के कार्यालयों के आसपास ही उससे बातचीत की। उसकी मेल आईडी पर रेलवे की मेल आईडी से मिलती जुलती आईडी के जरिए फर्जी मेल भी भेजी जाती रही ताकि राकेश को शक नहीं हो। बिना भर्ती निकले ही सुरेश ने राकेश की ट्रेनिग भी करा दी और अंत में ज्वाइनिंग लैटर भी थमा दिया। इस पूरे काम के करीब दस लाख रुपए उसने ले लिए। जब राकेश दिल्ली गया और रेलवे कार्यालय ज्वाईनिंग लैटर लेकर पहुंचा तो पता चला कि रेलवे ने गु्रप डी की क्या, कोई भी भर्ती नहीं निकाली है। अब राकेश ने सुरेश के खिलाफ खोह नागोरियान थाने मंे दस लाख रुपए की ठगी का केस दर्ज कराया है।
परिचालक बनाने के नाम पर तीन लाख से ज्यादा की ठगी
उधर रोडवेज में सीधे ही परिचालक लगाने के नाम पर तीन लाख रुपए से ज्यादा की ठगी का केस दर्ज किया गया है। सिंधी कैंप थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जीरो नंबर की एफआईआर काटकर इसे गंगानगर जिले में भेजा है। गंगानगर में गजसिंह पुरा थानाधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि गजसिंह पुरा निवासी सीताराम से राजेन्द्र भामू नाम के एक व्यक्ति की मुलाकात हुई। उसने बताया कि उसकी रोडवेज में पैंठ है और रोडवेज में सीधे परिचालक लगा सकते हैं। बस कुछ रुपए लगेगें। इस पर सीताराम ने बातों में आकर तीन लाख रपए तो गंगानगर और करीब बीस हजार रुपए सिंधी कैंप क्षेत्र जयपुर में राजेन्द्र को दिए। रुपए लेकर राजेन्द्र फरार हो गया। पीडित ने इसकी सूचना बाद में पुलिस को दी और केस दर्ज कराया ।
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