उधर, तकनीकी कारणों से सरकारी बिजली उत्पादन कंपनियों की 6 यूनिटें और अडानी की दो यूनिट से बिजली उत्पादन ठप हो गया है। मांग और आपूर्ति में 2000 मेगावाट का अंतर आ गया है। इससे गांवों में 4 से 5 घंटे बिजली कटौती शुरू हो गई है, जबकि कस्बों में दो से तीन घंटे बिजली कटौती शुरू कर दी गई है। विद्युत उत्पादन निगम की 7580 मेगावाट में से 2690 मेगावाट क्षमता की यूनिट से बिजली उत्पादन बंद हो गया है। इनमें तीन सुपर क्रिटिकल विद्युत उत्पादन इकाइयां शामिल है।
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विद्युत उत्पादन निगम के अफसरों की मानें तो सूरतगढ़ की तीन इकाइयां अचानक बंद हो गई है, इनमें दो इकाइयों सुपर क्रिटिकल की शामिल है, जिनसे 1320 मेगावाट बिजली उत्पादन प्रभावित हो गया है, जबकि यहां की एक 250 मेगावाट की इकाई भी अचानक बंद हो गई है, जिससे चलते बिजली उत्पादन प्रभावित हो गया है। वहीं छबड़ा की देा इकाइयां भी बंद हो गई है, इनमें एक 660 मेगावाट की सुपर क्रिटीकल इकाई शामिल है, जबकि कोटा की 210 मेगावाट की एक विद्युत इकाई अचानक तकनीकी खामी से बंद हो गई है, ऐसे में 2690 मेगावाट विद्युत उत्पादन प्रभावित हो गया है। इन इकाइयों के बंद होने से प्रदेश में फिर से बिजली संकट गहरा गया है। हालांकि इंजीनयर सुपर क्रिटीकल विद्युत उत्पादन इकाइयों को चालू करने में जुट गए है, कल शाम तक इन इकाइयों के फिर से शुरू करने का दावा किया जा रहा है। इनमें तीन इकाइयां शामिल है।