जायल के ग्रामीणों का कहना था कि उन्होंने अपने जीवन में इतने मोटे ओले कभी नहीं देखे। नागौर के अलावा चुरु सीकर टोंक श्रीगंगानगर एवं झुंझुनूं में भी तेज वर्षा एवं ओलावृष्टि से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। दोपहर तक कई स्थानों पर घना कोहरा छाया रहा। जहां यातायात में व्यवधान के साथ लोगों का पैदल निकलना भी मुश्किल हो गया। प्रदेश में लगभग सभी स्थानों पर हल्की वर्षा हुई है तथा तापमान काफी नीचे आने से सर्दी का असर बढ़ गया। बाड़मेर में भी दो दिन से लगातार वर्षा हो रही है तथा कोहरा छाया हुआ है। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों में वर्षा की चेतावनी दी हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में गुरुवार को ओलावृष्टि से फसल खराबे पर चिंता जताते हुए कहा है कि इससे फसलों के खराबे की जांच कराकर किसानों को राहत पहुंचाई जाएगी। गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि राज्य में कुछ स्थानों पर तेज बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की जानकारी चिंतनीय है। इस संकट की घड़ी में प्रदेश सरकार किसानों के साथ है। ओलावृष्टि से हुए खराबे की जांच कराकर उन्हें राहत प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस सन्दर्भ में मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) के साथ बैठक की एवं तुरंत सर्वे कर नुकसान का आंकलन करने के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने राज्य के विभिन्न जिलों में ओलावृष्टि के बाद गुरुवार रात मुख्य सचिव डी बी गुप्ता तथा अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की और ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान का सर्वे कराकर नुकसान का आंकलन करने के निर्देश दिये। उल्लेखनीय है कि बदले मौसम के कारण गुरुवार को सीकर, नागौर, बीकानेर एवं अजमेर सहित कई जिलों बारिश के साथ तेज ओलावृष्टि हुई, जिससे फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।