वहीं, राजधानी जयपुर में केंद्रीय बस स्टैंड सिंधी कैंप से भी बुधवार को करीब 1400 रोडवेज बसों के पहिए थम गए। चालक, परिचालक और मैकेनिकल कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इस बस स्टैंड पर लगभग 35 लाख रुपए प्रतिदिन का नुकसान संभावित हैं। यहां पर रोडवेज के श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा का धरना प्रदर्शन हो रहा है। इसमें एटक, सीटू, इंटक, एसोसिएशन, बीजेएमएम और कल्याण समिति के सदस्य हड़ताल पर हैं।
संयुक्त मोर्चा की 13 मांगें हैं। इनमें रोडवेज बेड़े में 1 हजार नई बसें खरीदी जाए। करीब 9 हजार रिक्त पदों पर भर्ती कराई जाए, जिनमें 4 हजार से अधिक चालक, परिचालक और मैकेनिकल स्टॉफ के रिक्त पद हैं। लोक परिवहन और निजी बसों को रोडवेज बस स्टैंडों से 5 किलोमीटर दूर खड़ा कराया जाए। रोडवेज से सेवानिवृत करीब 4 हजार से अधिक कर्मचारी के 600 करोड़ रुपए के परिलाभ को जल्द दिलाया जाए। निगम में भी 7वां वेतनमान लागू कराया जाए। बसों में टिकट काटने वाली मशीनें खराब हो चुकी है, उन्हें तुरंत ठीक कराया जाए।
आरक्षण शुक्रवार के लिए केंद्रीय बस स्टैंड पर आरक्षण खिडक़ी पर अब शुक्रवार के लिए टिकट दिए जा रहे हैं। वहीं, बुधवार और गुरूवार की यात्रा के लिए जिन्होंने टिकट लिए थे, उन्हें रिफंड किया जा रहा है। रिफंड की संख्या 2 हजार यात्रियों से अधिक हैं।
पुलिस फोर्स तैनात राजस्थान पथ परिवहन निगम के मुख्यालय, जयपुर और वैशाली आगार सहित बस स्टैंड सिंधी कैंप पर 2 सौ से अधिक पुलिस कर्मी कानून व्यवस्था बनाने के लिए तैनात हैं।
जनता बेबस, निजी की चांदी रोडवेज बसों के ***** जाम होने से जनता परेशान हो रही है। वहीं, निजी बस संचालक मौका का पूरा फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने किराए में 50 फीसदी तक अधिक वसूली चालू कर दी है।
छोटे और ग्रामीण रूट को सबसे ज्यादा परेशानी केंद्रीय बस स्टैंड सिंधी कैंप के मुख्य प्रबंधक कैलाश बड़ाया ने बताया कि यात्रियों की बड़ी परेशानी हो रही है। कुछ बसों का संचालन करने की कोशिश की। लेकिन बसों को हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने बाहर नहीं निकलने दिया। ***** जाम से हाईवे और बड़े रूटों पर तो निजी बसों के संचालन से यात्रा हो जाएगी। पर छोटे और ग्रामीण रूटों पर सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही हैं।