एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव सूरज भान सिंह आमेरा ने बताया कि जनवरी 2014 से सहकारी बैंक कर्मचारियों और अधिकारियो के वेतनमान, भत्तों में बढ़ोतरी करके सुविधाओ में सुधार की 15 वां वेतन समझौते की मांग लंबित चल रही हैं। करीब छह हजार कर्मचारियों को नया वेतन समझौता लागू होने का इंतजार है। कर्मचारी इस पर द्विपक्षीय वार्ता शुरू करवाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन अभी तक वार्ता शुरू नहीं की गई है। जबकि समझौते की अवधि इस साल 31 दिसंबर को समाप्त हो जाएगी।
कमेटी बनी लेकिन एक वार्ता तक नहीं
एसोसिएशन का कहना है कि सरकार और बैंक प्रबंधन ने एसोसिएशन के मांग पत्र पर सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी अप्रेल 2016 से बना दी है। लेकिन हैरत की बात यह है कि इस कमेटी की एक भी बैठक अभी तक नहीं बुलाई गई है। इससे कर्मचारियों में जबर्दस्त नाराजगी है। एसोसिएशन का कहना है कि पिछले चार सालों में महंगाई बढ़ी है लेकिन कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ा। कर्मचारियों को वास्तविक वेतन का भुगतान नहीं होने से उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।