राजस्थान में इनकी वजह से एक लाख स्कूल अब विभाग की मुट्ठी में
जयपुर/ डाॅ.आशीष शर्मा राजस्थान में करीब एक लाख सरकारी और प्राइवेट स्कूल हैं। ऐसे में स्कूली शिक्षा से जुड़े रिकॉर्ड को खोजने और शिक्षा में सुधार के लिए कदम उठाने के लिए शिक्षा विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। शिक्षा में नवाचार और गुणवत्ता सुधार के लिए नई योजनाएं और नीतियां बनाने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था लेकिन अब राजस्थान में स्कूली शिक्षा से जुड़ा पूरा डेटाबेस सिर्फ एक क्लिक पर खंगाला जा सकता है। करीब एक लाख स्कूलों का पूरा डेटाबेस विभाग की मुट्टी में है। दरअसल, नेशनल इनर्फोमेटिक्स सेंटर यानि एनआईसी ने शिक्षा विभाग के सहयोग से आधा दर्जन से अधिक ऐसे पोर्टल तैयार किए हैं, जिनकी मदद से शिक्षा विभाग को काफी मदद मिली है। राजस्थान के इन पोर्टल्स को अपने यहां शुरू करने के लिए कई राज्य संपर्क भी साधे हुए हैं। इन पोर्टल्स को डिजाइन करने से लेकर इनकी मॉनिटरिंग में एनआईसी जयपुर में तकनीकी निदेशक पद पर कार्यरत विनोद कुमार जैन की मुख्य भूमिका रही है।
राजस्थान में स्कूली शिक्षा के डिजिटिलाइजेशन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एनआईसी की ओर से तैयार पोर्टल्स की मदद से स्कूलों में स्टूडेंट्स की पूरी डिटेल के साथ ही प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत दिए जाने वाले नि:शुल्क दाखिलों के साथ ही स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की पूरी डिटेल्स एक क्लिक पर देखी जा सकती है। स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को डेपूटेशन, नियुक्ति या फिर स्थानांतरित होने पर रिलीव और ज्वाइन भी पोर्टल की मदद से ही किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्तर पर मिली ख्याति इनमें से शालादर्पण पोर्टल ने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की। इस पोर्टल के माध्यम से जहाँ एक और सरकार को त्वरित फैसले लेने के लिए एक ऑनलाइन टूल मिला, वहीं दूसरी ओर स्कूल शिक्षा में कईं नवाचार कर पारदर्शिता को बढ़ाने में भी यह राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम ऊँचा करवाने में भी यह सहायक साबित हुआ। शिक्षक दिवस पर इन पोर्टल्स को डिजाइन करने वाले एनआईसी के तकनीकी निदेशक विनोद कुमार जैन को मुख्यमंत्री वंसुधरा राजे, पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ और शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी राज्य स्तरीय समारोह में सम्मानित भी किया गया है।
एक क्लिक पर पूरी डिटेल एनआईसी में तकनीकी निदेशक विनोद कुमार जैन ने बताया कि राजस्थान में शिक्षा में सुधार के लिए उन्होंने शाला दर्पण, शाला दर्शन, राज एसएसए, राज आरएमएसए, प्रावइेट स्कूलों के लिए मान्यता पोर्टल, आरटीई पोर्टल, भामाशाहों के लिए ज्ञान संकल्प पोर्टल समेत अन्य डिजाइन किए हैं। इन पोर्टल्स की मदद से राज्य के करीब एक लाख सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की पूरी डिटेल एक क्लिक पर देखी जा सकती है।
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