समारोह में भारत के प्रथम प्रधान सेनापति जनरल करियप्पा, एयर चीफ मार्शल एस मुखर्जी, तत्कालीन केंद्रीय खनिज मंत्री एनवी गाडगिल, एमके बेलौरी, केंद्रीय सचिव वीपी मेनन तथा डीआर प्रधान मौजूद थे। समारोह में प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष गोकुलभाई भट्ट, कांग्रेस नेता हरिभाऊ उपाध्याय, जय नारायण व्यास, मानिक लाल वर्मा तथा शोभाराम सहित जोधपुर, कोटा, झालावाड़, बांसवाड़ा, धौलपुर तथा शाहपुरा आदि के महाराजा टोंक के नवाब तथा कुशलगढ़ के राव हरेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे। समारोह में कांग्रेस के नेता जयनारायण व्यास और मानिक लाल वर्मा को पिछली कतार में बैठाने पर भी नाराज हो गए। इसके बाद भी मोहनलाल सुखाड़िया, द्वारकादास पुरोहित तथा मथुरादास माथुर के साथ समारोह से बाहर चले गए।
पूर्व मुख्यमंत्री हीरालाल शास्त्री ने आत्मकथा में लिखा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री सर वीटी कृष्णमाचारी ने समारोह में बैठने का सही प्रबंध नहीं किया था। राजस्थान दिवस 30 मार्च को होना था। गृहमंत्री राजस्थान दिवस 30 मार्च को था। गृहमंत्री सरदार पटेल 29 मार्च को ही दिल्ली से निकले उनका विमान शाहपुरा के पास खराब हो गया था, तब उसे सूखी नदी में उतारना पड़ा। इसके बाद पटेल आकाशवाणी की कार से देर रात को रामबाग होटल पहुंचे। तब उनके समय पर जयपुर नहीं पहुंचने पर कई तरह की अफवाह फैल गई थी। पटेल ने सुबह 10:40 पर सिटी पैलेस में आयोजित समारोह में वृहद राजस्थान का उद्घाटन कर तत्कालीन महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय को राजप्रमुख बनाया। महाराव भीमसिंह कोटा को उप राज्य प्रमुख की शपथ दिलाकर नए राजस्थान की आधारशिला रखी गई।