करीब तीस लाख की आएगी लागत
विश्वविद्यालय की ओर से इस दीक्षांत समारोह में करीब 650 गोल्ड मैडल दिए जाएंगे। जिनकी लागत करीब तीस लाख रूपए होगी। यह गोल्ड मैडल अलग अलग विषयों में टॉपर्स, पीएचडी व डी-लिट् की उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को दिए जाएंगे। एेसे में एक गोल्ड मैडल की कीमत 4600 सौ रूपए से अधिक होगी। लेकिन अगर मैडल में पूरा गोल्ड होता तो करीब एक मैडल ही तीस हजार रूपए का होता और तीस लाख रूपए में केवल सौ मैडल ही बन पाते। लेकिन इस बार विश्वविद्यालय में टॉपर्स को दस ग्राम वजन का स्वर्ण पदक दिया जा रहा है। लेकिन उसमें मात्र 1.4 ग्राम ही खरा सोना है जबकि 8.5 ग्राम चांदी और 0.1 ग्राम तांबे का मिश्रण है।
विश्वविद्यालय की ओर से इस दीक्षांत समारोह में करीब 650 गोल्ड मैडल दिए जाएंगे। जिनकी लागत करीब तीस लाख रूपए होगी। यह गोल्ड मैडल अलग अलग विषयों में टॉपर्स, पीएचडी व डी-लिट् की उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को दिए जाएंगे। एेसे में एक गोल्ड मैडल की कीमत 4600 सौ रूपए से अधिक होगी। लेकिन अगर मैडल में पूरा गोल्ड होता तो करीब एक मैडल ही तीस हजार रूपए का होता और तीस लाख रूपए में केवल सौ मैडल ही बन पाते। लेकिन इस बार विश्वविद्यालय में टॉपर्स को दस ग्राम वजन का स्वर्ण पदक दिया जा रहा है। लेकिन उसमें मात्र 1.4 ग्राम ही खरा सोना है जबकि 8.5 ग्राम चांदी और 0.1 ग्राम तांबे का मिश्रण है।
फिलहाल तारीख नहीं हुई तय
28 वां दीक्षांत समारोह कब होगा फिलहाल यह तारीख तय नहीं की गई है। लेकिन नवम्बर माह में इसी साल दीक्षातं समारोह आयोजित किया जाएगा। इससे पहले गत वर्ष जुलाई में हुए विश्वविद्यालय के 27वें दीक्षांत समारोह में एक डी-लिट्, 887 पीएच.डी डिग्री के साथ ही विभिन्न परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 51 छात्रों को गोल्ड मैडल प्रदान किए गए थे। इसके अलावा वर्ष 2015 में स्नातक, स्नातकोत्तर व व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में उतीर्ण होने वाले लगभग 2 लाख 70 हजार छात्रों को भी डिग्रियों का वितरण किया गया था।
28 वां दीक्षांत समारोह कब होगा फिलहाल यह तारीख तय नहीं की गई है। लेकिन नवम्बर माह में इसी साल दीक्षातं समारोह आयोजित किया जाएगा। इससे पहले गत वर्ष जुलाई में हुए विश्वविद्यालय के 27वें दीक्षांत समारोह में एक डी-लिट्, 887 पीएच.डी डिग्री के साथ ही विभिन्न परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 51 छात्रों को गोल्ड मैडल प्रदान किए गए थे। इसके अलावा वर्ष 2015 में स्नातक, स्नातकोत्तर व व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में उतीर्ण होने वाले लगभग 2 लाख 70 हजार छात्रों को भी डिग्रियों का वितरण किया गया था।