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जयपुर

राजस्थान विश्वविद्यालय बड़ी खामी : बीएससी के परिणाम में आधे से ज्यादा विद्यार्थी फेल, सैंकड़ों छात्रों को अनुपस्थित दिखाने के साथ दिए जीरो नंबर

राजस्थान विश्वविद्यालय के जारी बीएससी के परिणाम में आधे से ज्यादा विद्यार्थी फेल, सैंकड़ों छात्रों को अनुपस्थित दिखाने के साथ दिए जीरो नंबर
 

जयपुरJun 13, 2018 / 07:11 pm

rohit sharma

Rajasthan University

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जयपुर ।

राजस्थान विश्वविद्यालय ने परीक्षाओं के परिणाम जारी करना शुरू कर दिया है। परिणाम देख कर विद्यार्थियों होश उडऩे लगे है। हर साल की तरह इस बार भी परिणामों की गड़बड़ी थमने का नाम ही नहीं ले रही है।
मंगलवार घोषित किए बीएससी तृतीय वर्ष के परिणाम में 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी फेल हो गए। सैंकड़ों छात्रों को परीक्षा देने के बाद भी कई विषयों में अनुपस्थित दिखा दिया व बहुत से छात्रों को जीरो मार्क्स दे दिया। ऐसे में सैंकड़ों विद्यार्थियों का तीन साल खराब होने का संकट मंडराने का संकट मंडराने लगा है। तृतीष वर्ष की परीक्षार्थी मनोज कुमार ने बताया कि उसके मैथेमेटिक्स के प्रथम पेपर में जीरो माक्र्स दे दिया। जबकि उसके अन्य विषयों में अच्छे माक्र्स आए है। परीक्षार्थी विजय सिंह ने बताया परीक्षा में बैठने के बाद भी जूलोजी के द्वितीय पेपर में उसे अनुपिस्थित दिखा दिया गया। इससे वह फेल हो गया। इससे उसकी तीन साल की पढ़ाई के बर्बाद होने का संकट आ गया है। परीक्षा नियंत्रक की माने तो बीएससी तृतीय वर्ष का परिणाम 50 प्रतिशत रहा है, जिसकी 21570 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी।

परिणाम में गड़बड़ी को लेकर किया प्रदर्शन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने बीएससी तृतीय वर्ष के परिणाम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए एडम ब्लॉक के मुख्य द्वारा पर गेट बंद करके प्रदर्शन किया। छात्रों ने प्रदर्शन कर परिणाम दूबारा से जारी करने की मांग की। इस दौरान दो घंटे तक प्रदर्शन कारी छात्र एडम ब्लॉक का गेट बंद कर बाहर ही बैठे रहे। इससे काम करवाने के लिए आए लोग बाहर के बाहर व अंदर के अंदर कैद होकर रह गए। एबीवीपी की विवि इकाई अध्यक्ष हुश्यार मीणा ने बताया कि हर साल उत्तर पुस्तिकाएं जांचने की गड़बड़ी के कारण हजारों छात्र फेल कर दिए जाते है। किसी भी छात्र के इस स्तर पर 100 में से जीरों माक्र्स आना परिणाम की गड़बड़ी को दर्शाषाता है। इस दौरान संगठन के अमित बड़बड़वाल, नितिन शर्मा, सज्जन सैनी, सहित कई छात्र मौजूद रहे।

इस नियम के बाद बिगडऩे लगा परिणाम

विश्वविद्यालय प्रशासन ने पिछले सत्र से उत्तर पुस्तिका की जांच करने वाले एग्जामिनर को पेपर में आए प्रश्नों के आंसर तैयार कर दिए जाते है। इसी आंसर नोट के अनुसार एग्जामिनर उत्तर पुस्तिका की जांच करके नंबर देता है। इस प्रणाली से उत्तर पुस्तिका की जांच भी सवालों के घेरे में है। ऑब्जेक्टिव प्रश्नों की इस तरह जांच की जा सकती है जबकि निबंधात्कम प्रश्नों में यह फॉर्मूला सही नहीं है।

फेल होने पर कर ली थी आत्महत्या

पिछले साल भी बीएससी प्रथम वर्ष व द्वितीय वर्ष का परिणाम में इसी प्रकार की गड़बड़ी सामने आई थे, जिसमें आधे से ज्यादा विद्यार्थी फेल हो गए थे। फेल होने पर प्रथम वर्ष के एक छात्र ने सरस पुलिया के पास ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी। परिणाम की गड़बड़ी को लेकर विद्यार्थियों ने विरोध प्रदर्शन कर दूबारा से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करवाकर परिणाम जारी करने की मांग की थी। इसके बाद विवि प्रशासन ने उत्तर पुस्तिकाओं की सैंपलिंग चेकिंग करवाने का आश्वासन दिया था। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई थी।

परिणाम में गड़बड़ी जैसी कोई बात नहीं है। विद्यार्थियों द्वारा परिणाम में गड़बड़ी को लेकर लगाए जा रहे आरोपो के संबंध में कुलपति के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. वी.के. गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक
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