विश्वविद्यालय की स्थापना के समय 8 जनवरी 1947 को राजस्थान विश्वविद्यालय को करीब आठ सौ बीघा भूमि आवंटित की गई थी मगर रेकॉर्ड में विवि के नाम नहीं होने के कारण काफी हिस्से पर कब्जा हो गया। करीब दस वर्ष पहले राजस्थान पत्रिका ने अभियान चलाया और पहली बार विवि के नाम 323 बीघा भूमि की गई। अब जिला प्रशासन के वर्तमान अधिकारियों ने पहल तक ढाई माह में दो सौ बीघा भूमि नामांतरण कर दी है।
गांव ————- भूमि नामांतरण — वन विभाग के नाम
महादेव पुरा ———- 242 बीघा — 0
चक भवानी शंकरपुरा —— 218 बीघा — 157 बीघा
मोती डूंगरी ——- 61 बीघा —- 0
कुल ———- 522 बीघा —— 157 बीघा
– राकेश मीना, एसडीएम जयपुर – निर्विवादित भूमि को पहले नामांतरण किया गया है। राजस्व खातों में अब विवि की भूमि विवि के नाम कर रहे हैं। जो भूमि पर विवाद है, उसे भी सुलझा रहे हैं।
– इकबाल खान, एडीएम प्रथम
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