गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय cmoमें उच्च स्तरीय बैठक में पेयजल आपूर्ति, जलाशयों में पानी की उपलब्धता तथा खरीफ की बुआई की स्थिति की समीक्षा कर निर्देश दिए कि मुख्य सचिव आपदा प्रबंधन सहित विभिन्न विभागों और जिला कलक्टरों के साथ चर्चा कर कंटीन्जेंसी की आवश्यकताओं का आकलन करें। बैठक में मौसम विभाग की ओर से अवगत कराया गया कि 27 जुलाई से एक अगस्त के मध्य प्रदेशभर में अच्छी बारिश होने की संभावना है। जिससे राज्य में खरीफ की फसलों की बुवाई की स्थिति बेहतर होगी। साथ ही पेयजल और सिंचाई के लिए भी पानी की उपलब्धता बढ़ जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है। विभाग किसानों को कम समय में ही तैयार होने वाली ऐसी फसल की बुवाई करने के लिए प्रेरित करे जिनमें कम पानी की जरूरत हो। साथ ही हरे चारे वाली फसलों की बुवाई पर अधिक जोर दिया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए किसानों की विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से समझाइश की जाए।
पेयजल आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा करते हुए गहलोत ने कहा कि इमरजेंसी प्लान के साथ-साथ सामान्य स्थितियों में पूरे प्रदेश में पीने के पानी के लिए बेहतर प्लानिंग की जाए। जलदाय विभाग की ओर से बताया गया कि बीते दिनों प्रदेश के कई हिस्सों में हुई बरसात के बाद टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की आवश्यकता में कमी आई है।
बैठक में जलदाय मंत्री बीडी कल्ला, आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया, गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया, कृषि एवं पशुपालन राज्यमंत्री भजनलाल जाटव, आपदा प्रबंधन एवं राहत राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि पीके गोयल, जलदाय विभाग के प्रमुख सचिव संदीप वर्मा, सचिव जल संसाधन नवीन महाजन, सचिव आपदा प्रबंधन आशुतोष एटी पेडणेकर सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।