scriptइस बार राजस्थान में नहीं होगी ईवीएम में गड़बड़ी, जांच पूर्ण होने के बाद ईवीएम का होगा रेण्डम मॉकपोल | RajasthanJ Elections 2018: Checking Of EVM-VVPAT Start From 18 June | Patrika News
जयपुर

इस बार राजस्थान में नहीं होगी ईवीएम में गड़बड़ी, जांच पूर्ण होने के बाद ईवीएम का होगा रेण्डम मॉकपोल

राज्य में विधानसभा आम चुनाव 2018 की तैयारियां शुरू , प्रदेश की सभी EVM और VVPAT मशीनों की प्रथम स्तरीय जांच 18 से

जयपुरJun 14, 2018 / 10:50 am

MOHIT SHARMA

जयपुर। अब यूपी के कैराना की तरह न तो एवीएम को बुखार होगा और न ही कर्नाटक की तरह वीवीपैट खराब होगी। राज्य में आगामी विधानसभा आम चुनाव 2018 की तैयारियों की कड़ी में 18 जून से प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की एफएलसी (प्रथम स्तरीय जांच) का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद पारीक ने बताया कि सीयू (कंट्रोल यूनिट) और बीयू (बैलेट यूनिट) की एफएलसी का कार्य बीईएल, बैंगलौर के इंजीनियर्स द्वारा 18 जून से कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी दिन से अजमेर, बीकानेर, जयपुर, भरतपुर, कोटा, जोधपुर, और उदयपुर संभागों में भी एफएलसी का कार्य शुरू हो जाएगा। इसके बाद बैंगलौर द्वारा गठित विभिन्न टीमें 31 जुलाई तक सभी जिलों में एफएलसी का कार्य पूरा कर लेंगी।
उन्होंने सभी अधिकारियों से आयोग के निर्देशों के अनुसार एफएलसी प्रारंभ होने की तिथि से ईवीएम वेयर हाउस में सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारीगण एफएलसी के दौरान राजनैतिक दलों की मौजूदगी सुनिश्चित करें। साथ ही स्वयं पूरी तरह सजग रहें ताकि चुनाव के समय ईवीएम मशीनों के खराब होने की आशंका कम से कम हो। उन्होंने कहा कि ईवीएम के प्रशिक्षण के लिए 14 स्टेट लेवल के मास्टर ट्रेनर भी तैयार हैं जो कि जल्द ही जिलों में जाकर प्रशिक्षण देंगे। जयपुर जिले में निर्वाचन के लिए करीब 7 हजार ईवीएम आ गई हैं। इनकी ‘फर्स्ट लेवल चैकिंग’ का कार्य लालकोठी स्थित ‘वेयरहाऊस’ में 18 जून से शुरू होगा।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी (डीडीईओ) एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर (द्वितीय) सुनील भाटी ने इस जांच में राजनैतिक दलों के जिलाध्यक्ष या उनके द्वारा मनोनीत प्रतिनिधि भाग ले सकते हैं। जिलाध्यक्षों द्वारा मनोनीत प्रतिनिधियों को जांच से संबंधित कार्य में भाग लेने के लिए परिचय पत्र भी दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह जांच पूर्ण होने के बाद 5 प्रतिशत ईवीएम का रेण्डम आधार पर चयन करते हुए मॉकपोल होता है। इसमें राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा बताए गए नम्बर की ईवीएम को भी शामिल किया जा सकता है।
मतदाता सूचियों के ड्राफ्ट का प्रकाशन 31 जुलाई को
डीडीईओ भाटी ने बताया कि इस पुनरीक्षण अभियान के बाद 31 जुलाई को जयपुर जिले की मतदाता सूचियों के प्रारूप का प्रकाशन किया जाएगा। इसके आधार पर 31 जुलाई से 31 अगस्त तक दावे और आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। उन्होंने इस प्रकार मतदाता सूचियों को अपडेट करने की प्रक्रिया में सहयोग का आग्रह किया।
पोलिंग बूथ्स के ड्राफ्ट का प्रकाशन 30 जुलाई को
भाटी ने बताया कि जिले में मतदान केन्द्रों के ‘रेस्नलाईजेशन’ का कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में एक बूथ पर 1200 तथा शहरी क्षेत्र में 1400 से अधिक मतदाता होने पर बूथों के पुर्नगठन का प्रावधान है। साथ ही मतदाताओं के लिए पोलिंग बूथ की दूरी 2 किलोमीटर से ज्यादा होने पर भी आपत्तियां दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि 21 जून से 20 जुलाई तक जिले में फील्ड विजिट करके आपत्तियों के आधार पर ‘शिफ्टिंग’ की जानी है। पोलिंग बूथ्स के प्रारूप का प्रकाशन 30 जुलाई को किया जाएगा, इससे पहले इस संबंध में कोई आपत्ति हो तो जिला निर्वाचन कार्यालय के ध्यान में लाया जा सकता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो