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गहलोत सरकार ने गांधी जयंती पर जारी किया झूठा रिपोर्ट कार्ड, बापू का किया अपमान: भाजपा

locationजयपुरPublished: Oct 03, 2020 03:03:09 pm

Submitted by:

santosh

गहलोत सरकार की ओर से जारी कामकाज के रिपोर्ट कार्ड को प्रदेश भाजपा ने झूठ का पुलिंदा करार दिया है।

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जयपुर। गहलोत सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी कामकाज के रिपोर्ट कार्ड को प्रदेश भाजपा ने झूठ का पुलिंदा करार दिया है। पार्टी ने सरकार के उन दावों को भी झूठा बताया है जिसमें सत्ता में आने के दौरान जनता से की गई 501 घोषणाओं में से 252 घोषणाएं पूरी होने का ज़िक्र किया गया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि सरकार रिपोर्ट कार्ड के ज़रिये जनता के बीच झूठी वाह-वाही लूटने की कोशिश कर रही है, जबकि धरातल पर किसान और युवा समेत जनता का हर वर्ग दुखी और परेशान है।

‘रिपोर्ट कार्ड में कपोल कल्पित दावे’
विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा है कि सत्य-अहिंसा का संदेश देने वाले महात्मा गांधी की जयंती पर असत्य एवं झूठे रिपोर्ट कार्ड को जारी करके कांग्रेस सरकार ने महात्मा गांधी का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जन घोषणा पत्र की 501 घोषणाओं में से 252 घोषणा पूरी करने के कपोल कल्पित दावे प्रस्तुत किए हैं। जबकि हकीकत ये है कि धरातल पर पांच प्रतिशत वादे तक पूरे नहीं हुए हैं।

‘फसली ऋण माफ़ करने का दावा झूठा’
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार का 10 दिन के भीतर 20 लाख किसानों के 7692 करोड़ रुपये अल्पकालीन फसली ऋण माफ करने का झूठा दावा गरीब किसान के जख्म पर नमक छिड़कने के समान है। प्रदेश में 18 लाख किसान हैं जिन्होंने विभिन्न बैंकों से अल्पकालीन फसली ऋण लिए हैं, उसे 10 दिन में माफ करने का दावा करने वाली सरकार ने मात्र कमेटी बना कर इसकी इति श्री कर ली। कमेटी 22 महीनों में भी अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत नहीं कर सकी, यह किसानों के साथ धोखा है।

‘न्यूनतम मूल्य पर नहीं हो रही फसलों की खरीद’
उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद का पुख्ता दावा करने वाली सरकार की पोल उस समय खुल गई जब केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम मूल्यों पर फसल खरीद के लिए निर्धारित रबी 2019-20 में सरसों, चने, मूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली की 65 प्रतिशत फसलों को राज्य सरकार न्यूनतम मूल्यों पर नहीं खरीद पाई।

राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा न्यूनमत मूल्य पर सरसों की उपज खरीदने का लक्ष्य 8.5 लाख टन निर्धारित किया गया था। लेकिन दुर्भाग्य है कि राज्य सरकार केन्द्र द्वारा निर्धारित लक्ष्य में से मात्र 5 लाख 65 हजार लाख टन सरसों ही खरीद पाई। वहीं चने में केंद्र सरकार द्वारा आवंटित लक्ष्य 4.25 लाख टन की जगह पर मात्र 1 लाख 20 हजार टन ही खरीद कर पाई। इसी प्रकार अन्य फसलों की भी न्यूनतम मूल्य पर केन्द्र सरकार के लक्ष्यानुसार फसल नहीं खरीदना किसानों के साथ वादाखिलाफी है।

‘फसल बीमा से वंचित हैं किसान’
उन्होंने कहा कि दो हजार करोड़ के कृषक कल्याण कोष स्थापित करने का दावा करने वाली सरकार ने आज भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के 764 करोड़ का राज्यांश संबंधित बीमा कंपनी में जमा नहीं कराने के कारण वर्ष 2018-19 के दो लाख से अधिक पात्र किसान फसल बीमा योजना के लाभ से वंचित है। यह सरकार का किसान विरोधी चेहरा है।

‘बेरोजगार नौजवानों के साथ मज़ाक’
राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत प्रदेश में मात्र 62 हजार युवाओं को 3000 रुपये बेरोजगारी भत्ता देकर इस भत्ते की योग्यता रखने वाले 18 लाख बेरोजगार नौजवानों के साथ सरकार ने क्रूर मजाक किया है। कोरोना काल में यह भत्ता गत अप्रैल से पूर्णतया बंद है।

‘कोरोना काल में डाला बढ़ी विद्युत दरों का बोझ’
उन्होंने कहा कि पांच साल तक कृषि कनेक्शनों की दरों में इजाफा न करने का दावा करने वाली सरकार ने तीन बार आम उपभोक्ता की विद्युत दरों में अलग-अलग समय पर विद्युत दर, फ्यूल चार्ज, फिक्स चार्ज सहित कुल मिलाकर 28 प्रतिशत की विद्युत दरों में बढ़ोतरी कर कोरोना काल में लोगों पर और बोझ डालने का काम किया हैं।

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