जयपुर

उपचुनाव के लिए मतदान से पहले राजसमंद में गर्माया माहौल, आमने-सामने हुए कांग्रेस-भाजपा कार्यकर्ता

उपचुनाव के लिए मतदान से ठीक पहले राजसमंद विधानसभा क्षेत्र में सियासत गरमाई हुई है।

जयपुरApr 17, 2021 / 11:14 am

Nakul Devarshi

राजसमंद/जयपुर। उपचुनाव के लिए मतदान से ठीक पहले राजसमंद विधानसभा क्षेत्र में सियासत गरमाई हुई है। सांसद दिया कुमारी समेत भाजपा नेताओं पर कथित जानलेवा हमला होने का मामले ने तूल पकड़ा हुआ है। पूरे घटनाक्रम को लेकर भाजपा के नेताओं ने आक्रामक रुख अपनाया हुआ है। भाजपा नेताओं ने पुलिस-प्रशासन पर मामले को गंभीरता से नहीं लेने और सरकार के इशारे पर काम करने के आरोप लगाए हैं।

‘कांग्रेस कर रही घृणित राजनीति’
सांसद दिया कुमारी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार की घृणित राजनीति देखने को मिल रही है। उपचुनाव क्षेत्र में पुलिस एवं प्रशासन पूर्ण रूप से कांग्रेसी कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश सरकार ने हमले की घटना के दौरान दी गई मेरी निजी सुरक्षा को हटा दिया और अब जानलेवा हमला करने की कोशिश हुई है।

‘पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हुआ हमला’
राजसमंद सांसद ने कहा कि हमले की कोशिश उस वक्त हुई जब वे विधायक मदन दिलावर और भाजपा प्रत्याशी दीप्ती किरण माहेश्वरी के साथ थीं। ये पूरा घटनाक्रम सभी पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में हुआ, इसके बावजूद पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की।

सांसद दिया कुमारी ने चुनाव आयोग से इस घटनाक्रम पर संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करने और राजसमंद में निष्पक्ष चुनाव के लिए एक अलग से टीम का गठन करने की अपील भी की। साथ ही केंद्रीय सुरक्षाबलों द्वारा यहां पर तुरंत प्रभाव से सुरक्षा व्यवस्था को ज़िम्मा देने का आग्रह भी किया।

ऐसे शुरू हुआ विवाद, थाने पर गर्माया माहौल
उपचुनाव के मतदान से पहले राजसमंद क्षेत्र के एक गांव में एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं पर प्रलोभन देने को लेकर कांग्रेस और भाजपा नेता-कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए। कांग्रेस से जहां जिलाध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर, सभापति अशोक टांक सहित भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे, तो वहीँ भाजपा कार्यकर्ताओं के समर्थन में सांसद दीया कुमारी, विधायक मदन दिलावर और भाजपा जिला अध्यक्ष वीरेंद्र पुरोहित सहित और कार्यकर्ता राजनगर थाने पहुंच गए।

दोनों ही पार्टी नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाया। दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं की मौजूदगी से थाना अखाड़े में तब्दील हो गया। दोनों पक्षों ने जमकर नारेबाजी की। पुलिस को बीच-बचाव करने में मशक्कत का सामना करना पड़ा। पूरे मामले को देखते हुए और अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। आनन-फानन में मामला बढ़ता देख जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल, एसपी भुवन भूषण यादव, एसपी राजेश गुप्ता थाने पर पहुंच गए। अधिकारियों की और से दोनों पक्षों को बिठाकर समझाइश का दौर देर रात तक जारी रहा।

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