गुजरात में फिर अहमद पटेल जैसी फाइट
हॉर्स ट्रेडिंग के बीच दोनों दलों के हार—जीत के दावेगुजरात की चार राज्यसभा सीटों के लिए पांच कैंडिडेटक्रॉस वोटिंग के डर से राजस्थान आए कांग्रेस विधायक
गुजरात में फिर अहमद पटेल जैसी फाइट
गुजरात की चार राज्यसभा सीटों पर 26 मार्च को होने वाला चुनाव काफी दिलचस्प होता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव मैदान में तीन उम्मीदवार उतार दिए हैं। पार्टी ने कांग्रेस विधायकों के अपने पक्ष में वोटिंग करने और तीनों सीटें जीतने का दावा किया है। वहीं, भाजपा के इस कदम ने विपक्षी कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। इसको देखते हुए कांग्रेस ने अपने विधायकों को राजस्थान में भिजवाया है।
कांग्रेस ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया है। राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन के अंतिम दिन भाजपा की ओर से तीन उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए। अभय भारद्वाज और रमीला बेन बारा के साथ तीसरे उम्मीदवार के रूप में नरहरि अमीन ने नामांकन दाखिल किया. वहीं, कांग्रेस की ओर से शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी ने नामांकन पत्र भरा है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है।
भाजपा के तीसरे उम्मीदवार नरहरि अमीन ने अपनी जीत का विश्वास व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक भी उनके पक्ष में मतदान करेंगे। गौरतलब है कि गुजरात की जिन चार राज्यसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें से तीन सीटें अभी भाजपा और एक सीट कांग्रेस के पास है। कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही दलों ने अपने-अपने वर्तमान सांसदों की जगह नए चेहरों पर दांव लगाया है।
मौजूदा विधायकों के आंकड़ों के लिहाज से दोनों ही पार्टियों को दो-दो सीटें मिलने के आसार हैं। भाजपा के पास 103 विधायक हैं, जबकि एनसीपी से एक और बीटीपी के 2 विधायक हैं। वहीं, कांग्रेस को अपने 73 विधायकों के साथ ही एक निर्दल विधायक जिग्नेश मेवाणी का समर्थन प्राप्त है। कांग्रेस को अब अपने विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने का भय सता रहा है। इसको देखते हुए कांग्रेस ने गुजरात के विधायकों को राजस्थान भेजा है।
आपको बता दे कांग्रेस को अपनी दो राज्यसभा सीटें जीतने के लिए 74 विधायकों का वोट चाहिए, जो उसके पास है। वहीं, भाजपा को तीन सीटें जीतने के लिए 111 विधायक चाहिए होंगे। ऐसे में भाजपा को कांग्रेस के 3 विधायकों का वोट भी हासिल करना होगा। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सीटें बढ़ने और भाजपा की घटने से राज्यसभा सीटों के समीकरण भी बदले हैं। वर्तमान स्थिति में एक सीट जीतने के लिए प्रथम वरीयता के लिए 37 वोट चाहिए।
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