रमेश मीणा ने आरोप लगाया कि एससी-एसटी और माइनॉरिटी के विधायकों के साथ सदन के अंदर और बाहर भेदभाव किया जाता है। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी और माइनॉरिटी के विधायकों की सरकार में अनदेखी हो रही है।
उन्होंने कहा कि मुझे मंत्री नहीं बनना है मैं कांग्रेस के साथ हूं लेकिन जिन वर्गों के दम से सरकार बनी है उनको लगातार नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि हमने राहुल गांधी से भी मिलने का समय मांगा है अगर सुनवाई नहीं होती तो विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा।
मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं मिलते विधायकों से
रमेश मीणा यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि एससी- एसटी और माइनॉरिटी के विधायकों से मुख्यमंत्री तो दूर की बात मंत्री भी मिलना पसंद नहीं करते और उन्हें डांट फटकार कर भगा दे देते हैं। रमेश मीणा ने मुख्य सचेतक महेश जोशी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सीट निर्धारण में मुख्य सचेतक की अहम भूमिका होती है क्या मुख्य सचेतक सीट निर्धारण करते समय स्पीकर से बात नहीं करते। उन्होंने कहा कि देश की सभी विधानसभाओं में सभी सीटों पर माइक लगे होते हैं।
दौसा विधायक मुरारी ने भी लगाया भेदभाव का आरोप
वहीं दूसरी ओर दौसा से कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा ने भी एससी- एसटी के विधायकों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ट्रांसफर पोस्टिंग में भी भेदभाव किया जा रहा है। मुरारी लाल मीणा ने कहा कि मुख्य सचेतक ने बयान दिया है कि एससी-एसटी और माइनॉरिटी कांग्रेस की बैकबोन है लेकिन उस बैकबोन को लगातार कमजोर किया जा रहा है।
पार्टी प्लेटफार्म पर भी और विधानसभा के अंदर भी। मीणा ने कहा कि अगर बैकबोन कमजोर होगी तो पार्टी भी कमजोर होगी। मीणा ने कहा भेदभाव को लेकर सरकार के स्तर पर भी और पार्टी के स्तर पर भी अवगत करवाया जाएगा। रमेश मीणा के इस्तीफा देने के बयान पर मुरारी लाल मीणा ने कहा कि अभी तक मेरी कोई बातचीत नहीं हुई है उन्होंने किस आधार पर कहा है, लेकिन यह बात सही है कि भेदभाव लगातार हो रहा है।