नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार राजस्थान में हर एक लाख की आबादी पर 15.9 बलात्कार के केस दर्ज हुए हैं। जो अन्य प्रदेशों की तुलना में ज्यादा है। राजस्थान के बाद केरल 11.1 का स्थान है। महिलाओं के खिलाफ 2018 की तुलना में 2019 में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दलित महिलाओं के खिलाफ़ सबसे ज्यादा बलात्कार की 554 घटनाएं राजस्थान में हुई है। उन्होंने कहा कि जिस राजस्थान का नाम वीरों की भूमि के नाम से विख्यात है, जिसकी पहचान धर्म और संस्कृति के ऊंचे मापदंडों के लिए जानी जाती है और जिसके रणबांकुरे अपनी आन बान और शान के लिए सबकुछ न्योछावर करने के लिए जाने जाते हों। आज उसी राजस्थान का नाम बलात्कार, हत्या और चोरी जैसे अपराधों के लिए प्रसिद्ध हो रहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है।
दीयाकुमारी ने कहा कि विशेषकर नाबालिग बेटियों और दलित महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाओं ने यह साबित कर दिया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था और सुशासन नाम की कोई चीज नहीं हैं। अपराधियों में भय नहीं है, बहन बेटियों की आबरू और जान खतरे में है। अपने आपको दलित हितैषी कहने वाली कांग्रेस के शासन में सबसे ज्यादा बलात्कार की घटनाएं भी दलित महिलाओं के साथ हुई है।