आसपास के लोग दुकानदारों से दुकानें बंद करने का कारण जानने पहुंच गए लेकिन वे निरुत्तर हो गए। इसके बाद दुकानदार आपस में बातें करते रहे। कई लोग रसगुल्ले बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अंदेशा जता रहे थे तो कई रसद, नाप तौल विभाग की कार्रवाई करने की अफवाह। इससे बाजार में चर्चा विषय बनी रही। दोपहर तक किसी के सैंपल नहीं लिए।
हर कोई बेच रहा रसगुल्ला
कस्बा सहित आसपास के क्षेत्र में परचून व हलवाई की दुकानों के अलावा फुटवियर, कपड़े, लोहे बेचने वाले तक रसगुल्ले बेच रहे थे। इस पर पुलिस ने कार्रवाई की। इसके बाद बुधवार को सैंपल लेने की बात कही थी। इसके बाद सैंपल लेने वाले आने की अफवाह गर्मा गई। इससे दुकानदार दुकानें बंद कर दी।
बाजार हो गए सूने
सुबह तो दुकानें खुलने से चहल पहल दिखाई दे रही थी। फिर दोपहर में जिस दुकान पर ग्राहक थे दुकानदार उन्हें आधा ही सामान देकर जल्दी जल्दी में दुकानें बंद कर चले गए। ग्राहक भी समझ नहीं पाए की आखिर माजरा क्या है। एकाएक बाजार बंद होने से बाजार सूने सूने हो गए। कार्रवाई के नाम पर कोई भी दूर-दूर तक दिखाई नहीं दिया। जब कार्रवाई नहीं होने की जानकारी दुकानदारों को लगी तो कई ने शाम को वापस आकर दुकानें खोल दी। कस्बे में दुकानें खुलने का समय सुबह 10 से शाम 6 बजे तक होने से समय होते ही फिर दुकानें बंद कर दी।