राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को उन्नत व मुनाफे की खेती के साथ कृषि उत्पाद के व्यापार में लाइसेंस राज व इंस्पेक्टर राज को समाप्त करने के लिए यह सौगात की है। किसान को अपनी फसल कभी भी कहीं भी बेचने की दशकों पुरानी मांग पूरी करने का ऐतिहासिक कार्य मोदी सरकार ने किया है। लघु सीमांत किसान को अपनी फसल पूर्व करार के माध्यम से किसी भी व्यापारी या कंपनी को बेचने का व्यापक अधिकार देकर प्रदेश के 80% लघु सीमांत किसानों को सौगात दी है।
राठौड़ ने कहा कि लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस ने स्वयं अपने घोषणा पत्र में कृषि उपज मंडी अधिनियम को संशोधित करने व देश के कृषकों को अपने उत्पाद बेचने के लिए एक समान बाजार उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। उसी के अनुरूप केंद्र सरकार देश के किसानों को अपनी उपज किसी भी व्यक्ति किसी भी व्यापारी को किसी भी स्थान पर विक्रय करने का अधिकार देकर किसान को कृषि उपज मंडी की जंजीरों से मुक्त किए जाने का ऐतिहासिक निर्णय किया है तो जिसका विरोध करना कांग्रेस पार्टी के लिए हास्यापद है। राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पारित विधेयक प्रदेश में कृषि उपज मंडी अधिनियम को कहीं भी प्रभावित नहीं करता है। यह तो मात्र कृषि उपज मंडी की सीमा के बाहर बिना किसी कर (टैक्स) के किसान को किसी भी स्थान पर अपनी उपज बेचने की दशकों पुरानी मांग को पूरा करता है।