भाजपा लगाएगी ‘जीत की हैट्रिक’?
दरअसल, बाड़मेर से भाजपा दो बार से लगातार चुनाव जीत रही है। यहां से भाजपा के कर्नल सोनाराम चौधरी ने साल 2014 में 80 हजार वोट से चुनाव जीता। वहीं, साल 2019 में मानवेंद्र सिंह के खिलाफ कैलाश चौधरी ने 3.30 लाख रिकॉर्ड वोटों से चुनाव जीता। इस बार भाजपा से हैट्रिक लगाने के लिए केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है।उम्मेदाराम रोकेंगे ‘हार की हैट्रिक’?
कांग्रेस के प्रत्याशी उम्मेदाराम चौधरी साल 2018 में राजनीति में उतरे। उन्होंने हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से बायतु विधानसभा सीट से पहले चुनाव लड़ा था। लेकिन कांग्रेस के हरीश चौधरी से करीब 13000 वोट से चुनाव हार गए। दूसरी बार 2023 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की टिकट पर बायतु से ही चुनाव लड़ा। लेकिन इस बार भी कांग्रेस के हरीश चौधरी से कांटे की टक्कर में महज 910 वोट से चुनाव हार गए। लगातार दो विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद उम्मेदाराम कांग्रेस से चुनावी अखाड़े में उतरे है। अब देखना होगा कि उम्मेदाराम इस बार हार की हैट्रिक लगाते है या रिकॉर्ड तोड़कर बाड़मेर से जीत दर्ज करते है।भाटी लगायेंगे ‘जीत की हैट्रिक’?
बाड़मेर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी 2019 में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर से निर्दलीय छात्रसंघ चुनाव जीते। साल 2023 के विधानसभा चुनाव में रविंद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय जीत दर्ज की। जिसके बाद अब तीसरी बार रविंद्र सिंह भाटी भी निर्दलीय चुनावी रण में उतरे हुए है। यह भी पढ़ें