आवेदक की ओर से जब इसकी जानकारी गैर परिवहन शाखा को दी तो व्यक्ति को टरका दिया गया। बात अधिकारियों तक पहुंची तो अब आरसी में संशोधन करने की प्रक्रिया करवाई जा रही है।
जानकारी के अनुसार 2005 में रामस्वरूप कुमार ने मोटरसाइकिल खरीदी। 15 साल बाद मार्च 2020 में वाहन का रजिस्ट्रेशन की अवधि खत्म होनी थी। इसके लिए आवेदक ने आरटीओ झालाना कार्यालय में आवेदन किया।
आरटीओ की ओर से आरसी को रेन्यू कर दिया। आवेदक ने खुद की आरसी देखी तो उसमें किसी और का नाम सामने आया। उसका वाहन का मालिक किसी और बना दिया। अब पीड़ित वाहन को ख्रुद के नाम कराने के लिए चक्कर लगा रखा है।
ऐसे पकड़ में आया फर्जीवाड़ा
आरटीओ की ओर से आरसी रेन्यू होने के बाद दूसरे व्यक्ति के जमवारामढ़ स्थित घर पर डाक से भेज दी गई। लेकिन नए आवेदन के दौरान वाहन मालिक ने अपना मोबाइल नंबर दिया था। ऐसे में डाकिया ने मोबाइल नंबरों पर फोन किया तो वाहन मालिक को पता चला कि उसकी आरसी जमवारागढ़ पहुंच गई।
ऐसे में वह डाकिया से आरसी लेने पहुंचा। उसने आरसी देखी तो उस में रामस्वरूप की जगह रामफूल मीणा का नाम लिखा था। इस मामले में डीटीओ रमेश मीणा का कहना है कि मामले की जानकारी नहीं है। बाबू से पता करवाकर प्रकरण की जांच करवाई जाएगी।