विभाग की मानें तो इन योजनाओं के प्रचार—प्रसार के लिए गांवों में ग्राम साथिन की बहुत बड़ी भूमिका होती है। लेकिन प्रदेश के कई हिस्सों में इनकी कमी है। इसे पूरा करने के लिए ही अब कुछ पंचायतों में साथिनों को लगाया जाएगा। ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़े महत्वपूर्ण जागरुकता कार्यक्रम समय पर हो सके और योजनाओं को गति मिल सके। विभाग की ओर से 10 वीं पास महिलाओं से आवेदन मांगे गए है। ये आवेदन पाली, सोजत, रोहट, देसुरी, सुमेरपुर, बाली, मारवाड़ जंक्शन, रानी, रायपुर और जैतारण पंचायत समितियों के लिए मांगे है। साथिनों के काम पर यदि नजर डालें तो पांच से 10 गांवों में पड़ने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों पर चलने वाली योजनाओं का प्रचार करने की जिम्मेदारी है इन पर। इसमें बच्चे व महिलाओं से जुड़ी सभी योजनाओं के प्रति घर—घर जाकर जानकारी देने से देकर उन्हें केंद्र तक लाने और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरुक करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। ऐसे में बड़ी संख्या में इन पदों का खाली रहना सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में रोड़ा है। विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है और रिक्त पड़े पदों को भरने का फैसला किया है।