एसओजी ने पेपर लीक करने वाले रामकृपाल मीणा व उसके खरीददार उदाराम को दो दिन पहले गिरफ्तार किया था। पड़ताल में सामने आया कि रीट की परीक्षा तय होने के साथ ही उदालाल पेपर हथियाने के प्रयास में जुट गया था। उसकी तरह ही प्रदेश स्तर पर नकल व पेपर लीक में सक्रि य एक और गिरोह का सरगना सक्रिय था। उस पर ग्राम विकास अधिकारी व पुलिस उपनिरीक्षक परीक्षा में भी गड़बड़ी में नाम सामने आ रहा है। हालांकि मोलभाव में रामकृपाल मीणा ने उदाराम का ऑफर स्वीकार किया।
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माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पेपर की निगरानी के लिए शिक्षा संकुल में जहां गैर सरकारी व्यक्ति नियुक्त किए थे। इसके अलावा अन्य सभी जिलों में एडीएम स्तर के अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई थी। जयपुर में मुख्य जिम्मेदारी गैर सरकारी व्यक्ति प्रदीप पाराशर को को-ऑर्डिनेटर के रूप में दी गी थी।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पेपर की निगरानी के लिए शिक्षा संकुल में जहां गैर सरकारी व्यक्ति नियुक्त किए थे। इसके अलावा अन्य सभी जिलों में एडीएम स्तर के अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई थी। जयपुर में मुख्य जिम्मेदारी गैर सरकारी व्यक्ति प्रदीप पाराशर को को-ऑर्डिनेटर के रूप में दी गी थी।
कांग्रेस सरकार की परीक्षा में पाराशर ही को-ऑर्डिनेटर
सामने आया है कि वर्ष 2011 और 2012 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई आरटेट परीक्षा में जयपुर का को-ऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर को ही बनाया गया था। उस समय बोर्ड चेयरमैन मंत्री सुभाष गर्ग थे। पाराशर मंत्री सुभाष गर्ग और बोर्ड चेयरमैन डीपी जारौली के करीबी हैं। इस सम्बंध में प्रदीप पाराशर का कहना है कि एसओजी की ढाई दिन पूछताछ में अभी तक मेरी लिप्तता नहीं मिली है। एसओजी बुलाएगी तो फिर जाउंगा।
सामने आया है कि वर्ष 2011 और 2012 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई आरटेट परीक्षा में जयपुर का को-ऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर को ही बनाया गया था। उस समय बोर्ड चेयरमैन मंत्री सुभाष गर्ग थे। पाराशर मंत्री सुभाष गर्ग और बोर्ड चेयरमैन डीपी जारौली के करीबी हैं। इस सम्बंध में प्रदीप पाराशर का कहना है कि एसओजी की ढाई दिन पूछताछ में अभी तक मेरी लिप्तता नहीं मिली है। एसओजी बुलाएगी तो फिर जाउंगा।