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REET Paper Out प्रकरण को लेकर अब राजस्थान हाईकोर्ट से आ गई ये बड़ी खबर

REET Paper Out प्रकरण को लेकर अब राजस्थान हाईकोर्ट से आ गई ये बड़ी खबर

जयपुरOct 18, 2021 / 01:12 pm

Nakul Devarshi

जयपुर।

राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट-2021 में हुए कथित पेपर लीक मामले में दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वो मामले में एकलपीठ के समक्ष याचिका पेश कर सकता है। न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार और न्यायधीश मनोज व्यास ने यह आदेश भागचंद की जनहित याचिका पर दिए हैं।

 

 

हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता खुद भर्ती में शामिल हुआ था। ऐसे में यदि उसे कोई आपत्ति थी तो वह एकलपीठ के समक्ष जा सकता था, इसलिए जनहित याचिका को खारिज किया जाए।

 

 

 

ये कहा गया था याचिका में

 

 

याचिका में कहा गया है कि भर्ती परीक्षा के पूर्व ही अनाधिकृत लोगों के पास पेपर आ गया था। वहीं कई परीक्षा केन्द्रों पर दिए गए पेपर की सील खुली हुई थी और बुक नंबर भी मार्कर से बदले हुए थे। पेपर लीक होने से परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। याचिका में कहा गया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने रीट परीक्षा की मॉनिटरिंग के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर सीसीटीवी लगाए थे, लेकिन राज्य सरकार की ओर से इंटरनेट पर रोक के चलते इन कैमरों का उपयोग ही नहीं हो सका।

 

 

 

याचिका में ये भी कहा गया कि गहलोत सरकार ने रीट पेपर आउट होने के चलते ही कई अफसरों का निलंबन किया है, जो कि इस भर्ती में अनियमितता को उजागर करता है, इसलिए मामले की किसी भी केन्द्रीय जांच एजेंसी से निष्पक्ष जांच करवाई जाए। वहीं, मामले की सुनवाई होने तक अंतरिम आदेश के जरिए इसके परिणाम जारी करने पर रोक लगाई जाए।

 

 

 


… इधर, सख्त कानून लाने की तैयारी में सरकार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को गृह विभाग के अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए हैं कि भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने और अनुचित साधनों के प्रयोग में शामिल लोगों के खिलाफ सख्ती के लिए राज्य सरकार इससे जुड़े कानून को और कड़ा बनाएगी। इस संबंध में जल्द ही अध्यादेश लाया जाएगा। इसमें प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने, पेपर लीक सहित अन्य गड़बड़ियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के प्रावधान होंगे।

 

 

 

 

गौरतलब है कि महासंघ की 21 सूत्रीय मांगों में एक मांग यह भी शामिल थी कि भविष्य में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए गैर जमानती सख्त से सख्त कानून के साथ दोषियों के खिलाफ कम से कम 10 साल की सजा और संपत्ति जब्त करने का कानून भी बनाया जाए।

 

 

सीएम ने दिए ये निर्देश

 

 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग को संज्ञेय अपराध के साथ ही इसे गैर जमानती अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाएगा और इससे जुड़ी सजा तीन साल से बढ़ाकर सात साल करने का प्रावधान किया जाएगा।

 

 

 

 

आईसीयू में एडमिट बेरोज़गार नेता
राजस्थान बेरोज़गार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव शनिवार रात से एसएमएस अस्पताल के आईसीयू में एडमिट हैं। उन्होंने ना केवल दवा लेने से इंकार कर दिया है बल्कि अस्पताल से ही अनशन भी जारी रखने का ऐलान किया है। शनिवार को दोपहर उनकी तबियत खराब हो गई थी, चिकित्सकों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी थी लेकिन उपेन नहीं माने। ऐसे में शनिवार रात पुलिस उन्हें जबरन उठाकर एसएमएस अस्पताल ले गई, जहां उन्हें आईसीयू में एडमिट करवाया गया।

 

 

शनिवार को भी उपेन ने कहा था कि उनका कोई प्रतिनिधि सरकार के पास नहीं जाएगा अब सरकार के प्रतिनिधि को ही अनशन स्थल पर आकर वार्ता करनी होगी। जब तक सरकार का कोई प्रतिनिधि धरना स्थल आकर वार्ता नहीं करता वह अनशन समाप्त नहीं करेंगे।

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