गौरतलब है कि वित्तीय संकट के मद्देनजर दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल ने पहले ही एक दिसंबर से अपनी मोबाइल सेवा की दरें बढ़ाने की घोषणा कर दी है। दोनों कंपनियों के अधिकारियों ने बताया कंपनियां अपने टैरिफ प्लान 1 दिसंबर से महंगे करने जा रही हैं। वोडाफोन-आइडिया की बात करें तो ऐसा करने के पीछे लगातार हो रहा नुकसान बड़ी वजह है क्योंकि कंपनी को बीते दिनों करोड़ों रूपए का नुकसान उठाना पड़ा है। टेलिकॉम ऑपरेटर की ओर से कहा गया है कि उसकी ओर से भारत में मोबाइल डेटा चार्जेस दुनियाभर में सबसे कम हैं और तेजी से बढ़ रही मोबाइल डेटा सर्विसेज की जरूरत में भी कम से कम दाम में सब्सक्राइबर्स को बेनिफिट्स ऑफर किए जा रहे हैं। एयरटेल ने भी ट्राई के प्रयासों को जरूरी और सही बताते हुए अपने प्लान महंगे करने की घोषणा की।
रिलायंस का बाजार पूंजीकरण 9.5 लाख करोड़ के पार
मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण पहली बार 9.5 लाख करोड़ रुपए के पार चला गया। ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाली यह भारत की पहली कंपनी बन गई है। मुंबई शेयर बाजार में मंगलवार को कंपनी का शेयर 3.4 फीसदी चढकऱ 1508 रुपए के स्तर पर था। इस साल कंपनी का शेयर अभी तक 34 फीसदी का उछाल ले चुका है। वहीं मार्केट कैप में दूसरी बड़ी कंपनी टीसीएस की वैल्यू 7.91 लाख करोड़ रुपए और तीसरे नंबर पर एचडीएफसी बैंक की 6.95 लाख करोड़ रुपए है। 200 अरब डॉलर की हो सकती है रिलायंस: ब्रोकरेज फर्म बैंक ऑफ अमरीका मेरिल लिंच ने पिछले महीने ये रिपोर्ट जारी की। इसके मुताबिक रिलायंस के न्यू कॉमर्स और ब्रॉडबैंड बिजनेस की मदद से अगले 24 महीने में कंपनी का मार्केट कैप 200 अरब डॉलर (14.40 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंच सकता है।