दलहन और तिलहन बुवाई के रकबे में गिरावट
मंडियों और फैक्ट्रीयों में उत्पादन महंगाराजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संद्य के अध्यक्ष बाबूलाला गुप्ता का कहना है कि कंपनियों और कारखाने जो सामान पहले सस्ते में बनाते थे, अब उसका निर्माण महंगा हो गया है। ये महंगा सामान जब बाजार में पहुंचेगा, तो ग्राहकों को पहले की तुलना में अधिक जेब ढीली करनी पड़ती है। इसी तरह फैक्ट्री से निकला सामान घर तक पहुंचते-पहुंचते कई फीसदी तक महंगा हो जाता है। सरकार को आवश्यक वस्तुओं के दामों में हुई बढ़ोतरी को तुरन्त रोकना चाहिए।
त्योहार पर सोना और चांदी खरीदना हुआ सस्ता
दाल, तेल और सब्जी सब महंगाफोर्टी के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि इस समय आप जिस सामान पर हाथ रखो वह सामान पहले से आपको महंगा नजर आएगा। वजह साफ है, अभी महंगाई ने पिछले 17 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। खुदरा में देखें तो महंगाई 8 साल के उच्च स्तर पर है। पहले कुछ-कुछ सामानों के रेट बढ़ते थे, अभी सभी सामान इस रेस में शामिल हैं। आटा, दाल और खाने के तेल आम आदमी की पकड़ से बाहर हो गया है। बाकी की कसर पेट्रोल—डीजल के दामों ने पूरी कर दी है।