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जयपुर

किसानों को राहत, सहकारी समितियां एक सप्ताह में होगी क्रियाशील

488 सहकारी समितियां एक सप्ताह में होगी क्रियाशील, किसानों से उपज खरीदने के लिए व्यापारियों को तीन दिन में मिलेंगे लाईसेेंस। राज्य की सभी 1 हजार प्रोसेसिंग यूनिट को किसानों से उपज खरीद के मिलेंगे लाईसेंस

जयपुरApr 11, 2020 / 07:10 pm

Deepshikha Vashista

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जयपुर। प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता एवं कृषि नरेश पाल गंगवार ने कहा कि निजी गौण मंडी के रूप में घोषित 488 सहकारी समितियां (420 ग्राम सेवा सहकारी समितियां एवं 68 क्रय-विक्रय सहकारी समितियां) एक सप्ताह के भीतर क्रियाशील हो जाए यह सुनिश्चित किया जाएगा। जिससे किसानों से सीधी खरीद हो सके।
गंगवार शनिवार को कृषि पंत भवन में किसानों से उपज खरीद, मंडियों के संचालन खरीफ 2020 की तैयारी, फसल कटाई सहित अन्य मुद्दों पर कृषि, सहकारिता, कृषि विपणन, राजफैड एवं हार्टिकल्चर से पंचायत समिति स्तर तक के अधिकारियों की संयुक्त वीडियों कान्फ्रेसिंग को संबोधित कर रहे थे।
तीन दिन में लाईसेंस जारी किया जाए

उन्होंने कृषि मंडी सचिवों को निर्देश दिए कि किसानों से उपज खरीद हेतु यदि कोई व्यापारी लाईसेंस लेना चाहता है तो तीन दिन में लाईसेंस जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में 1 हजार प्रोसेसिंग यूनिट कार्य कर रही है। इन सभी यूनिट को किसानों से उपज खरीद के लिए लाईसेंस जारी किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के चलते विभाग की भूमिका बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि किसानों को लॉकडाउन के दौरान कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े इसके लिए जिला प्रशासन के सहयोग से कार्य योजना बनाकर किसानों से जुड़ी जरूरतों की सुविधा प्रदान करे।
प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता ने कहा कि समर्थन मूल्य पर कोटा संभाग में गेहूं, सरसों एवं चना की खरीद 16 अप्रेल से प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने कहा कि शेष राजस्थान में 1 मई से समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू की जाएगी। किसानों को अपने खेत के नजदीक ही उपज बेचान का केन्द्र मिले इसके लिए खरीद केन्द्रों की संख्या बढाई गई है।
388 नए खरीद केन्द्र

पूर्व में 279 केन्द्र समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए खोले गए थे। अब 388 और नए खरीद केन्द्रों को खोला गया हैं। जिसकी मेंपिग का कार्य चल रहा है। उन्होंने सीसीबी के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिए कि घोषित निजी गौण मंडियों को ऋण की आवश्यकता होने पर तुरन्त उपलब्ध करवाएं।
सचिवों को दिए निर्देश

गंगवार ने मंडी सचिवों को निर्देश दिए कि खरीद के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य सुरक्षात्मक उपायों का पूरा ध्यान रखा जाए तथा खरीद के लिए स्थानीय व्यापारियों के साथ बैठक आयोजित कर कम संख्या में किसानों को मंडी परिसर में बुलाया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों को जिस दिन खरीद हो उसी दिन भुगतान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने उप रजिस्ट्रार एवं मंडी सचिवों को निर्देश दिए कि निजी गौण मंडी घोषित सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन कर मंडी संचालन की प्रक्रिया को समझाये तथा व्हाटसएप गु्रप बनाकर अपडेट करते रहे।
संक्रमण से बचाव के उपाय

उन्होंने कहा कि शीघ्र ही कृषि उपज मंडियो में इंजीनियर्स को लगाने के आदेश जारी किए जाएंगे। जो मंडियों में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सेनेटाइजर चेम्बर एवं अन्य सुरक्षात्मक उपाय में सहयोग करेंगे। मंडी प्रांगण में पानी की टंकी के साथ हाथ धोने के साबुन की पर्याप्त व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कृषि मंडी को 5-5 लाख रुपए का बजट उपलब्ध कराया गया है। आवश्यकता होने पर और बजट उपलब्ध कराया जाएगा।

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